नई दिल्ली : लेह हिंसा के बाद सोनम वांगचुक की संस्था का लेखा जोखा देखने के काम को सरकर ने शुरुआत कर दी है. लेह में भड़की हिंसा के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहरने की कोशिश सर्कार कर रही है. गृह मंत्रालय ने पाया कि संस्था ने विदेशी और स्थानीय योगदान का गलत इस्तेमाल किया, लेखा विवरण सही नहीं दिया और FCRA नियमों का उल्लंघन किया. 20 अगस्त को उन्हें शो कॉज नोटिस जारी किया गया था. जिसका जवाब 19 सितंबर को दिया गया. यह कदम विदेशी योगदान के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया ऐसा सर्कार की और से कहा गया है. गृह मंत्रालय ने स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह संस्था जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से जुड़ी है. लाइसेंस रद्द करने का कारण FCRA नियमों के उल्लंघन बताया गया है. एनजीओ के बैंक अकाउंट से फंड का ट्रांसफर भी हुआ है, जिसकी FEMA के तहत ईडी जांच भी कर सकती है. SECMOL को सांस्कृतिक और शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए पंजीकृत किया गया था. २० अगस्त २०२५ को शो कॉज नोटिस जारी किया गया जिसका जवाब १९ सितम्बर को दिया गया.

मुझे बलि का बकरा बनाया: ‘ सोनम वांगचुक
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर जारी आंदोलन बुधवार को हिंसा में बदल गया. लेह में हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हुए. गृह मंत्रालय ने इस हिंसक प्रदर्शन के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया था. इस पर अब सोनम वांगचुक ने केंद्र पर निशाना साधा था. लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा और झड़पों के बीच जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. गृह मंत्रालय ने दावा किया था कि वांगचुक ने युवाओं को भड़काकर हिंसा करवाई, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बलि का बकरा बनाने की रणनीति है ताकि लद्दाख की असल समस्याओं से ध्यान हटाया जा सके.

पीटीआई के मुताबिक वांगचुक ने कहा कि जब युवाओं में पहले ही बेरोजगारी और असंतोष चरम पर है, तो हमें चतुराई नहीं बल्कि समझदारी की जरूरत है. उन्होंने यह भी आशंका जताई कि उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा की जेल में जाने से डरता नहीं हूँ, मगर सरकार को अगर लगता है की इस से उनकी मुसीबत टल जाएगी तो यह गलत होगा मुझे जेल में भेजने के बाद की परिस्थिति से निपटना सरकार के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा।

सरकार द्वारा उठाये इस कदम पर रोष व्यक्त करते हुए श्री. शर्मा ने कहा है की जिसने लद्दाख में बच्चो के लिए स्कूल बनाये और ग्लेशियर पिघलने का समाधान खोजा , आज अगर वही व्यक्ति अपनी भूमि और लोगो के लि ये न्याय की मांग कर रहा है तो सरकार के लिए वह देशद्रोही हो गया है, अब उसके पीछे भी ईडी लगाने की तयारी में सरकार है यह दुःख की बात है. हम को सोनम वांचुक जैसे लोगो पर गर्व होना चाहिए ऐसा मत भी उन्होंने व्यक्त किया.