आवाज इंडिया TV की 10वीं वर्षगांठ समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे का कथन
नागपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा में विपक्ष के नेता सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई है. एक अधिकार, हक, सामाजिक न्याय और संविधान को माननेवाली विचारधारा है. इसके विपरीत विषमता माननेवाली दूसरी विचारधारा है. उन्होंने कहा कि संपूर्ण मानवजाति और अपने अधिकारों के लिए सर्व समाज के लोगों को एकजुट होकर विषमतावादी विचार धारा के खिलाफ लड़ना ही होगा, आवाज इंडिया की दसवीं वर्षगांठ पर डॉ. वसंतराव देशपांडे सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख मार्गदर्शक के तौर पर वे बोल रहे थे इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, सांसद नासिर हुसेन, पूर्व मंत्री चंद्रकांत हांडोरे, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ सुखदेव थोरात प्रमुखता से उपस्थित थे.
सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, नागपुर शहर दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं का शहर है. एक तरफ समानता, सामाजिक न्याय, अधिकार और देश को संविधान देनेवाले डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने अपने लाखो अनुयायियों समेत यहां बौद्ध धम्म की दीक्षा ली. उन विचारों के प्रति गहरी आस्था रसानेवाला यह शहर है. वहीं, दूसरी तरफ इसकी प्रखर विरोधी आरएसएस की विचारधारा है. इन दो विचारधाराओं की ही यह लड़ाई है. इसके लिए सबको एकत्र आना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा, प्रत्येक समाज में अच्छे लोग और कुछ बुरे लोग भी रहते हैं, बुरे लोगों की तरफ उंगली दिखाने के बदले सबको एकजुट होकर यह लड़ाई लड़नी ही पड़ेगी. उन्होंने चेतावनी दी, अन्यथा संविधान ही नहीं बचेगा, अपने अधिकार और हक नहीं रहेंगे. इस अवसर पर उन्होंने आवाज इंडिया टीवी को 10 वर्ष पुरे होने पर बधाई दी तथा लोगों से बहुजनो के चैनल्स को मदत करने की अपील भी की.
इस अवसर पर डॉ. सुखदेव थोरात और प्रसिद्ध वक्ता डॉ. लक्ष्मण यादव ने भी विचार व्यक्त किए आवाज इंडिया टीवी के प्रबंध संचालक अमन काम्बले ने प्रस्तावना रखी. संचालन डॉ. राजेंद्र फुले और आभारप्रदर्शन प्रीतम प्रियदर्शी ने किया
लोकमत के विशाल सोनटक्के और रणजीत मेश्राम प्रोग्रेसिव जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित
कार्यक्रम में लोकमत के पत्रकार विशाल सोनटक्के (यवतमाल), वरिष्ठ पत्रकार रणजीत मेश्राम और नेशनल दस्तक, नई दिल्ली के संपादक शम्भू कुमार सिंह को राष्ट्रीय स्तर के प्रोग्रेसिव जर्नलिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया. मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथों उनको सम्मानित किया गया