कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार में टेंशन चरम पर है। जानकारी के मुताबिक, DK शिवकुमार नाराज हैं और उन्हें मनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शुक्रवार को बेंगलुरु आये थे लेकिन DK शिवकुमार ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की है।
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार में टेंशन चरम पर है। जानकारी के मुताबिक, DK शिवकुमार नाराज हैं और उन्हें मनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शुक्रवार को बेंगलुरु आये थे लेकिन DK शिवकुमार ने अब तक उनसे मुलाकात नहीं की है। इन सियासी घटनाओं के बीच राज्य के ऊर्जा मंत्री KJ जॉर्ज की भूमिका चर्चा में आ गई है। रविवार को कांग्रेस के सीनियर लीडर KJ जॉर्ज ने सबसे पहले CM सिद्धारमैया से उनके घर पर मुलाकात की। इसके बाद वे दोपहर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले और इसके बाद शाम में DK शिवकुमार ने जॉर्ज के घर जाकर उनसे मुलाकात की। ये मीटिंग करीब एक घण्टा चली।
सिद्धारमैया कैम्प को इस बात का भरोसा है कि ज्यादातर विधायक उनकी तरफ हैं। इस बात को और पक्का करने के लिये CM के बेटे और एमएलसी Dr यतीन्द्र सिद्धारमैया दो दिन से उत्तर कन्नड़ा जिले में हैं और वहां पर कांग्रेस के एक-एक MLA से व्यक्तिगत रूप से मिल रहे हैं। DK शिवकुमार भी इस बात को अच्छे से जानते हैं कि विधायकों का संख्या बल CM के पास है इसीलिए वो हाईकमान पर दबाव बनाकर उनसे किया गया वादा पूरा करने की बात कह रहे हैं। दबाव बनाने के लिए उनके समर्थक विधायक पिछले 4 दिनों से अलग अलग ग्रुप बनाकर दिल्ली भेजे जा रहे हैं। रविवार दोपहर को जब खरगे ने अपने हाथ खड़े कर दिये तो देर शाम 6-7 MLA का एक ग्रुप दिल्ली रवाना कर दिया गया जो कि KC वेणुगोपाल से आज मुलाकात का समय मांग रहे हैं।
इन सियासी घटनाओं के बीच राज्य के ऊर्जा मंत्री KJ जॉर्ज की भूमिका चर्चा में आ गई है। रविवार को कांग्रेस के सीनियर लीडर KJ जॉर्ज ने सबसे पहले CM सिद्धारमैया से उनके घर पर मुलाकात की। इसके बाद वे दोपहर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिले और इसके बाद शाम में DK शिवकुमार ने जॉर्ज के घर जाकर उनसे मुलाकात की ये मीटिंग करीब एक घण्टा चली। सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में जॉर्ज ने पार्टी को ओर से DK शिवकुमार को धैर्य बनाकर रखने को कहा और मार्च में पेश होने वाले बजट तक शांत रहने को कहा। इसके जवाब में DK शिवकुमार ने उनसे ठोस आश्वासन मांगा ऐसा कहा जा रहा है।
पिछले सप्ताह जब दिल्ली में DK शिवकुमार की खरगे से मुलाकात हुई थी तब भी उनसे यही कहा गया था कि दिसम्बर में बेलगावी में विधानसभा का शीतकालीन सत्र है और इसके बाद राज्य बजट की तैयारियां शुरू हो जाएंगी जो कि मार्च में पेश होना है। इस अवधि के दौरान अगर कुछ फेरबदल होता है तो सरकार के कामकाज पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। इसीलिए उनकी इस मांग पर बजट पेश होने के बाद विचार किया जाएगा। लेकिन सूत्र बताते हैं कि DK शिवकुमार इस विषय पर ठोस आश्वासन चाहते हैं।
ढाई साल पहले जब कांग्रेस की बहुमत की सरकार बनी तब भी उन्हें समय आने पर CM बनाने का मौखिक आश्वासन दिया गया था लेकिन ढाई साल पूरे होते ही सिद्धारमैया कैम्प ने इसको मुद्दा बना दिया। CM के करीबी और पूर्व मंत्री KN राजन्ना ने तो यहां तक पूछ लिया कि DK शिवकुमार AICC का लिखित लेटर दिखाएं जिसमें सत्ता हस्तांतरण की बात कही गयी हो। ऐसे में इस बार DK शिवकुमार सिर्फ मौखिक वादे से संतुष्ट होते हुए नहीं दिख रहे हैं। खरगे से अब तक नहीं मिलने की वजह भी यही है क्योंकि उन्हें पता है कि दिल्ली में पिछले सप्ताह हुई बैठक में जहां बात अटकी वो वहां से आगे नहीं बढ़ेगी, तो मीटिंग का कोई मतलब नहीं है।
ये बात, बातों बातों में खरगे ने भी कह दी है। रविवार को 2 मिनट के लिए पत्रकारों से मिलने के लिए आये खरगे ने साफ कह दिया कि अब उनके हाथ में कुछ नहीं है। आलाकमान ही इस पर फैसला करेगा। खुद AICC अध्यक्ष होते हुए अगर खरगे ऐसा कह रहे हैं तो संदेश साफ है कि अब राहुल गांधी ही इस पर आखिरी फैसला करेंगे।
राहुल गांधी के आज विदेश से लौटने की खबरों के बीच ये कहा जा रहा है कि खरगे की कल राहुल गांधी से मुलाकात होगी जिसके बाद सिलसिले वार तरीके से कर्नाटक कांग्रेस के सभी सीनियर लीडर्स को दिल्ली बुलाया जा सकता है।
सिद्धारमैया ने भी शनिवार रात खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की है और DK शिवकुमार की ओर से अपने समर्थक विधायकों के ग्रुप को दिल्ली भेजने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि इससे पार्टी की छवि खराब हो रही है और कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सिद्धारमैया ने खरगे से कहा कि CLP की मीटिंग बुलाकर इस मसले को तत्काल सुलझाया जाना चाहिए।
अगर CM की कुर्सी को लेकर दोनों नेता जिद पर अड़ जाते हैं तो ऐसी स्थिति में गृह मंत्री और कांग्रेस के दलित नेता G परमेश्वर ने भी अपनी दावेदारी पेश करने के संकेत दे दिए हैं। परमेश्वर ने ये कह कर कर्नाटक कांग्रेस के अंदर राजनैतिक उठापटक को दिलचस्प बना दिया है कि वो भी CM पद की रेस में शामिल हैं। अब गेंद राहुल गांधी के पाले में है। उनके लौटते ही दिल्ली में बड़े पैमाने पर राजनीतिक गतिविधि होने के आसार हैं।


