मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर अनुभूति शर्मा को शासन ने अनुशासनहीनता और विभागीय अनियमितताओं के आरोपों में निलंबित कर दिया है. रिपोर्ट में पाया गया कि उन्होंने निरीक्षण और सैंपलिंग के नियमों का पालन नहीं किया. शासन ने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय भोपाल निर्धारित किया गया है.
मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर को शासन ने निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई अनुशासनहीनता, वरिष्ठ अधिकारियों की अवहेलना और विभागीय कार्यों में अनियमितता के आरोपों के चलते की गई है. शासन ने विभागीय रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है. साथ ही मामले की विस्तृत जांच के आदेश भी जारी किए हैं.
मामले में निलंबित ड्रग इंसपेक्टर अनुभूति शर्मा हैं. इन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. आरोप है कि इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मेडिकल स्टोर्स के निरीक्षण, सैंपलिंग और लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया. साथ ही उन्होंने निरीक्षण और सैंपलिंग की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी और विभाग के उच्च अधिकारियों को कई मामलों में अनभिज्ञ रखा.
शिकायतों के बाद हुई जांच
विभागीय स्तर पर शिकायतें सामने आने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने आंतरिक जांच कर पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी. इस रिपोर्ट में उनके खिलाफ अनुशासनहीनता और कार्यप्रणाली में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया गया था. रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने अनुभूति शर्मा को निलंबित कर दिया.
सख्त कार्यशैली पारदर्शिता की नीति का हिस्सा
विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई विभाग में शासन की सख्त कार्यशैली और पारदर्शिता की नीति का हिस्सा है. हाल के दिनों में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने प्रदेशभर में औषधि नियंत्रण से जुड़ी गड़बड़ियों और लाइसेंस प्रक्रियाओं में लापरवाही पर कड़ी निगरानी शुरू की है. गौरतलब है कि हाल के महीनों में प्रदेश के कई जिलों में औषधि दुकानों की जांच और सैंपलिंग अभियान तेज किया गया है. शासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि औषधियों की गुणवत्ता, बिक्री और लाइसेंस प्रक्रिया में किसी प्रकार की लापरवाही न हो. इस क्रम में अधिकारियों के आचरण पर भी निगरानी रखी जा रही है.
विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. अगर आरोप साबित होते हैं तो अनुभूति शर्मा के खिलाफ सख्त विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.


