हनुमकोंडा जिले के भीमादेवरापल्ली मण्डल के वंगारा में पीवी रंगा राव गुरुकुला स्कूल में एक दुखद घटना सामने आई, जहाँ कक्षा 10 की छात्रा वानम श्री वर्षिनी को उनके हॉस्टल कमरे में फंदे पर लटकते हुए पाया गया। मृतक छात्रा करिमनगर जिले के हुजुराबाद मण्डल के रामपुर गाँव की रहने वाली थी। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है, और आत्महत्या के पीछे सटीक कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है।
हैदराबाद, हनुमकोंडा जिले में एक दुखद घटना ने स्कूल और स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। वंगारा के पीवी रंगा राव गुरुकुला स्कूल में एक कक्षा 10 की छात्रा ने २४ ओक्टोबेर को अपने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, जिससे उसके परिवार और सहपाठियों में गहरा शोक और चिंता फैल गई है।
हनुमकोंडा जिले के भीमादेवरापल्ली मण्डल के वंगारा में पीवी रंगा राव गुरुकुला स्कूल में एक दुखद घटना सामने आई, जहाँ कक्षा 10 की छात्रा वानम श्री वर्षिनी को उनके हॉस्टल कमरे में फंदे पर लटकते हुए पाया गया। मृतक छात्रा करिमनगर जिले के हुजुराबाद मण्डल के रामपुर गाँव की रहने वाली थी। अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है, और आत्महत्या के पीछे सटीक कारणों का पता अभी नहीं चल पाया है।
x पर अपनी एक पोस्ट में रेवती ने असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कहा है कि वर्षिता स्कूल की टॉपर, स्कूल कैप्टन और एक उत्कृष्ट छात्रा थी। उसे हाल ही में ज़िला कलेक्टर से एक पुरस्कार भी मिला था। वह दिवाली की छुट्टियों से घर लौटी और तुरंत अपने माता-पिता को फ़ोन करके उसे लेने के लिए कहा क्योंकि प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल उसे परेशान कर रहे थे। उसने उन पर स्कूल का सामान चुराने का आरोप लगाया। अपने माता-पिता को फ़ोन करने के बमुश्किल एक घंटे बाद ही वर्षिता ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली।
एक ऐसा समाज जिसने शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है……..
गुलामी को बढ़ावा देने वाली और विचारों की आज़ादी को कुचलने वाली शिक्षा व्यवस्था आज भी अनगिनत छात्रों के जीवन को उनके शुरुआती दौर में ही कुचल रही है। यह सरकारों और समाज, दोनों द्वारा की गई एक खामोश हत्या से कम नहीं है। हनुमाकोंडा ज़िले, भीमादेवरपल्ली मंडल में, वंगारा पीवी रंगा राव गुरुकुल स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली वनम श्री वर्षिणी नाम की एक छात्रा ने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। ऐसी त्रासदियों के बाद हम बस मोमबत्तियाँ जलाते हैं और विरोध प्रदर्शन करते हैं… बस यही हमने सीखा है।


