मायावती ने २०२७ विधानसभा चुनाव से पहले बसपा में बड़ा बदलाव किया है. मंडलीय व्यवस्था खत्म कर जोनल सिस्टम लागू किया गया है. गाजियाबाद में मनोज जाटव और मेरठ में आनंद चंद्रेश को जिम्मेदारी दी गई है. यह कदम पार्टी को पुनर्जीवित करने और गुटबाजी रोकने के लिए है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में २०२७ विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में सियासी हलचल तेज हो गई है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ा बदलाव किया है. मंडलीय व्यवस्था को पूरी तरह खत्म कर अब जोनल सिस्टम लागू कर दिया गया है. इसी कड़ी में गाजियाबाद जिले के नए अध्यक्ष के रूप में मनोज जाटव को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि आनंद चंद्रेश को मेरठ मंडल का प्रभारी बनाया गया. बसपा हाईकमान ने शुक्रवार को नया आदेश जारी कर इसकी आधिकारिक घोषणा की. यह कदम २०२७ के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को नई ऊर्जा देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह फेरबदल गुटबाजी को रोकने और ग्रासरूट स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने का प्रयास है. मायावती ने हाल ही में कांशीराम की पुण्यतिथि पर रैली में कहा था कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी . अब जोनल सिस्टम से राज्य को छह जोनों में बांटा गया है, जहां प्रत्येक जोन में दो मुख्य प्रभारी और तीन-चार सहायक नेता होंगे. यह व्यवस्था मंडलीय स्तर पर काम को सीधे मायावती तक पहुंचाएगी.
गाजियाबाद और मेरठ में सौंपी जिम्मेदारियाँ
गाजियाबाद जैसे महत्वपूर्ण जिले में मनोज जाटव का नाम नए जिला अध्यक्ष के रूप में सामने आया है. जाटव समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मनोज लंबे समय से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने पश्चिमी यूपी में दलित वोटों को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई है. उनके नेतृत्व में गाजियाबाद में अब घर-घर जाकर बसपा की नीतियों को पहुंचाने का अभियान तेज होगा. इसी तरह, आनंद चंद्रेश को मेरठ मंडल का प्रभारी बनाया गया है. आनंद पार्टी के अनुभवी नेता हैं, जो पहले भी विभिन्न जिलों में सक्रिय रहे. मेरठ मंडल में सहारनपुर और मुरादाबाद जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जहां बसपा का पारंपरिक वोट बैंक मजबूत है.
मायावती से सीधा संपर्क करेंगे जोनल प्रभारी
आनंद की जिम्मेदारी अब इन क्षेत्रों में कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन और चुनावी तैयारियां तेज करना होगा. बसपा सूत्रों के अनुसार, यह नियुक्ति पश्चिमी यूपी में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए की गई है, जहां हाल के चुनावों में वोट शेयर कम हुआ था. बसपा के प्रदेश प्रवक्ता ने बताया, “यह बदलाव संगठन को अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए है. जोनल प्रभारियों को मायावती से सीधा संपर्क होगा, जिससे फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे.” पार्टी ने सभी नए पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अगले तीन महीनों में जिला और ब्लॉक स्तर पर बैठकें करें.

यह कदम पार्टी के पुनरुद्धार का हिस्सा
मायावती का यह कदम पार्टी के पुनरुद्धार का हिस्सा है. हाल के लोकसभा चुनावों में बसपा का वोट शेयर घटकर २. ४ प्रतिशत रह गया था, जो पार्टी के लिए चिंता का विषय है. अब जोनल सिस्टम से राज्य के १८ मंडलों को ९ जोनों में बांटा गया है- जिनमें प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, मेरठ, आगरा, कानपुर और लखनऊ समेत जिले शामिल हैं. प्रत्येक जोन में दो मुख्य प्रभारी होंगे, जो मंडलीय कामों की समीक्षा करेंगे. उदाहरण के लिए, मेरठ जोन में नौशाद अली और राजकुमार गौतम जैसे नेता पहले से सक्रिय हैं, और अब आनंद चंद्रेश की नियुक्ति से यह जोन और मजबूत होगा.
क्या कहते हैं पॉलिटिकल पंडित
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव आकाश आनंद की भूमिका को भी मजबूत करेगा, जो राष्ट्रीय समन्वयक हैं. मायावती ने अक्टूबर में ही कहा था कि आकाश उनके निर्देश पर काम करेंगे. पार्टी अब बिहार चुनावों के बाद यूपी फोकस बढ़ाएगी. एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “गुटबाजी खत्म करने के लिए यह जरूरी था. अब कार्यकर्ता सीधे शीर्ष नेतृत्व से जुड़ेंगे.”


