भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब आंबेडकर के योगदान के सन्दर्भ में विवादित बयान दिया है। उन्होंने बाबासाहब के योगदान को मामूली बताने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर उनके इस वक्तव्य पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही है.
सोशल एक्टिविस्ट डॉ. लक्ष्मण यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में डॉ. बाबा साहब आंबेडकर का जो अपमान किया था, उसे आप लोग शायद भूल गए होंगे कि “अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर… अंबेडकर एक फैशन हो गया है। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” एक बार फिर भाजपा के ही नेता मनोहर लाल खट्टर- जो मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं और मोदी जी के बेहद करीबी भी हैं – उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब के योगदान को मामूली बताने की कोशिश की है. वो दिन दूर नहीं जब ये भाजपाई बाबा साहब के विचारों को ही मिटाने की साज़िश करेंगे. मैं तो अपने बहुजनों से मुख़ातिब हूँ, जो अभी भी सजग नहीं हैं. ये सामान्य नहीं है, बहुत गंभीर संकेत हैं. समय रहते सजग न हुए तो देर हो जाएगी.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि संविधान की कमिटी के प्रमुख डॉ. भीमराव आंबेडकर थे। मगर संविधान लिखनेवालों का लम्बा इतिहास है. यह एक दिन में लिखा गया ऐसा नहीं है। इसके लिए बहोत से देशों के संविधान का अभ्यास किया गया। उस समय हमारे देश में अंग्रेज शासन में थे. तब के कुछ रूल्स भी हमारे संविधान में डाले गए. ऐसे विचार हरियाणा में एक सभा को सम्बोधित करते हुए मनोहर लाल खट्टर ने व्यक्त किये.
साथ दिए हुए वीडियो से यह ज्ञात होता है कि संविधान सभा में कितने मेंबर्स थे इसकी जानकारी भी मनोहर लाल खट्टर को नहीं थी. मगर उन्होंने फिर भी बताया की पहले ड्राफ्टिंग कमिटी बनायीं गयी और उसके बाद धीरे धीरे संविधान निर्माण करने का काम हुआ। बाद में संविधान का जब समर्पण करने का समय आया तब वह काम संविधान सभा के प्रमुख के नाते डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने किया.मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि यह ठीक वैसा ही है जैसे देश चलाने का काम तो सारी सरकार करती है मगर नाम तो मुखिया का होता है,अर्थात प्रधानमंत्री का होता है. ठीक वैसे ही संविधान पूरी टीम ने मिलकर लिखा मगर उसका श्रेय डॉ. भीमराव आंबेडकर को दिया जाता है.