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तब गोमूत्र छिड़कने की जरूरत महसूस नहीं हुई थी ? शनिवार वाडा नमाज मामले में मेधा कुलकर्णी पर सचिन सावंत का पलटवार

तब गोमूत्र छिड़कने की जरूरत महसूस नहीं हुई थी ?  शनिवार वाडा नमाज मामले में मेधा कुलकर्णी पर सचिन सावंत का पलटवार

महाराष्ट्र के ऐतिहासिक शनिवार वाडा में युवतियों द्वारा नमाज अदा करने का मामला गरमाया हुआ है. वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी ने विरोध प्रदर्शन किया और ‘शुद्धिकरण’ कराया. इस पर कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर दोहरा मापदंड अपनाने और ‘कॉर्पोरेट हिंदुत्व’ फैलाने का आरोप लगाया है.

महाराष्ट्र में ऐतिहासिक शनिवार वाडा में कुछ युवतियों के नमाज पढ़ने का मामला गरमाया हुआ है. इसका एक वीडियो सामने आया है जिसमें तीन युवतियों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है. इसे लेकर बीजेपी सांसद मेधा कुलकर्णी और कुछ संगठनों के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन करने वालों ने उस स्थान का शुद्धिकरण भी किया जहां नमाज अदा की गई थी. अब इस मामले में सियासत हावी है. महाराष्ट्र कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने प्रतिक्रिया दी है और मेधा कुलकर्णी पर हमला बोला है.

कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा, मई में ही २९ युवकों ने शनिवार वाडा की सफाई की थी. उस दौरान वहां शराब की बोतलें और कई अवैध चीजें मिली थीं. उस समय मेधा कुलकर्णी को शनिवार वाडा में गोमूत्र छिड़कने की जरूरत महसूस नहीं हुई थी. बीजेपी इतनी दंभी है कि नफरत और तिरस्कार फैलाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करेगी, लेकिन जब उसी धर्म से व्यापार करने की बात आती है तो बिना झिझक पीछे नहीं हटती.

महाराष्ट्र बीजेपी ने जवाब देने से कन्नी काट ली
उन्होंने आगे कहा, मुंबई में सिद्धिविनायक मेट्रो स्टेशन का नाम “लोम्बार्ड सिद्धिविनायक”, महालक्ष्मी मेट्रो स्टेशन का नाम “एचडीएफसी लाइफ महालक्ष्मी” और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन का नाम “कोटक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस” इन्हीं लोगों ने रखा. जब हमने इस कॉरपोरेट हिंदुत्व का जवाब मांगा तो महाराष्ट्र बीजेपी ने जवाब देने से कन्नी काट ली.

बता दें कि शनिवार वाडा संरक्षित स्मारक है. यहां पढ़ी गई नमाज मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है.महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, शनिवार वाडा हिंदू शौर्य का प्रतीक है. ये समुदाय के दिल के करीब है. अगर हिंदू, हाजी अली दरगाह पर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे तो क्या मुसलमानों को एतराज नहीं होगा? नमाज सिर्फ निर्धारित स्थानों पर ही अदा की जानी चाहिए.

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