सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो चुके हैं. उनके बाहर आने से सपा में जान आ गई है. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की अहमियत बताते हुए कहा है कि उनकी रिहाई के बाद आजम खान और सूबे के मुसलमान सपा के साथ रहने वाले हैं.
लखनऊ : सपा नेता आजम खान जेल से रिहा हो चुके हैं. उनके बाहर आने से सपा में जान आ गई है. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की अहमियत बताते हुए कहा है कि उनकी रिहाई के बाद आजम खान और सूबे के मुसलमान सपा के साथ रहने वाले हैं.समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान की रिहाई ने पार्टी में जान फूंकने का काम किया है. विगत मंगलवार को आजम जब सीतापुर जेल से रिहा हुए तब अखिलेश ने लखनऊ में बैठकर विरोधियों को बड़ा सन्देश दिया. आजम की रिहाई के वक्त अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव सीतापुर में थे और अखिलेश इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के मौलाना रशीद फिरंगी महली के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.

आजम खान सपा के ही साथ, बाकि सब अफ़वाए
आजम की रिहाई की घड़ी करीब आई तो ऐसा कहा जाने लगा कि सपा से नाराज आजम बसपा में शामिल हो सकते हैं. इन अटकलों को बल मायावती के विधायक उमाशंकर सिंह के बयान से मिला. उन्होंने कहा था कि आजम बसपा में आते हैं तो उनका स्वागत है. लेकिन मंगलवार शाम होते-होते सपा के वरिष्ट नेताओं ने यह साफ कर दिया कि आजम कहीं नहीं जा रहे हैं. सपा प्रमुख ने कहा कि आजम खान हमारे साथ हैं.
सपा के संस्थापक सदस्य रहे है आज़म खान
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए आजम खान अहम हैं. वह सपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. वह नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ के नेता हैं. अखिलेश ने अपने इस बयान से साफ कर दिया कि उनके और आजम के बीच कोई नाराजगी नहीं है. उन्होंने ये भी बता दिया कि मुसलमानों का वोट हासिल करने के लिए आजम खान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
आजम की रिहाई पर न्यायपालिका को धन्यवाद
आजम की रिहाई पर अखिलेश यादव ने न्यायलय का आभार वयक्त किया . उन्होंने कहा कि हमें भरोसा था कोर्ट न्याय करेगा. आने वाले समय में एक भी झूठा मुकदमा नहीं होगा. हमारे लिए खुशी का दिन है. हमें उम्मीद है उनके सभी मुकदमे खत्म होंगे. समाजवादी सरकार बनने पर जैसे सीएम ने अपने और डिप्टी सीएम के मुकदमे वापस लिए हैं, हमारी सरकार बनने पर आजम साहब पर लगे मुकदमे वापस होंगे.
अखिलेश कौन सा इशारा कर गए?
अखिलेश यादव जब ये बयान दे रहे थे तब उनके बगल में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के मौलाना रशीद फिरंगी महली बैठे थे. उन्होंने बीजेपी को संदेश दिया कि वह मुसलमानों के साथ हैं और मुसलमान उनके साथ हैं. बता दें कि यूपी की सियासत में सपा को सफल बनाने में मुसलमानों का अहम रोल रहा है. २०२४ के लोकसभा चुनाव में तो सपा के सभी ४ मुस्लिम उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे थे. वहीं,२०२२ के विधानसभा चुनाव में सपा के ३२ प्रत्याशी जीतने में सफल रहे थे.
आजम के बहाने सपा -बीजेपी में आरोप प्रत्योप का दौर
भारतीय जनता पार्टी आजम खान के बहाने सपा को घेरती रही है. जब वह जेल में थे तब उनकी अनदेखी की बात हो या उन पर लगे अलग-अलग मुकदमे, दोनों ही मुद्दों पर बीजेपी ने सपा पर निशाना साधा है. तो दूसरी तरफ अखिलेश ने कहा कि आजम खान को झूठे केस में फंसाया गया था. तब योगी सरकार ने पलटवार करते कहा कि उन्हें बचाने के लिए सपा ने क्या कदम उठाये? राज्य सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि अगर सरकार ने आजम खान को झूठे केस में फंसाया तो सपा क्या कर रही थी. उन्हें अब तक छुड़ाया क्यों नहीं. राजभर ने आरोप लगाया कि सपा सिर्फ वोट के लिए ऐसे बयान दे रही है.
यूपी में २०२७ में विधानसभा का चुनाव होना है और उससे पहले आजम के जेल से बाहर आने को बड़े सियासी हलचल के तौर पर देखा जा रहा है. उनके बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से सियासी संदेश देने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में चुनावी जंग से पहले आजम यूपी की सियासत के केंद्र में आ गए हैं और आने वाले दिनों में आज़म द्वारा लिए गए फैसले उत्तरप्रदेश चुनाव की दिशा निर्धारित करने कम अहम् भूमिका निभा सकते है.