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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सरकारी आवास छोड़ अभय चौटाला के फार्महाउस में हुए शिफ्ट

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सरकारी आवास छोड़कर अभय चौटाला के फार्महाउस में शिफ्ट हो गए हैं. नियमों के मुताबिक उन्हें सरकारी बंगला मिल सकता था, लेकिन कोई आवेदन या अलॉटमेंट नहीं हुआ.


नई दिल्ली: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विगत सोमवार को दिल्ली में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) नेता अभय चौटाला के फार्महाउस में शिफ्ट कर लिया है. आमतौर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या उपराष्ट्रपति को सरकारी बंगला या जमीन अलॉट की जाती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है.
धनखड़ के पास NCR में अपनी प्राइवेट प्रॉपर्टी हैं, लेकिन उन्होंने सुरक्षा कारणों की वजह बताते हुए रहने के लिए चौटाला का फार्महाउस चुना. चौटाला ने अपने घर पर उनका स्वागत भी किया और नई सुरक्षा टीम ने फार्महाउस की जिम्मेदारी संभाल ली. धनखड़ के कुछ खास अधिकारी भी उनके साथ चले गए हैं. फिलहाल उपराष्ट्रपति का आधिकारिक आवास खाली है, जिसे अब नए उपराष्ट्रपति के लिए तैयार किया जा रहा है.

क्या कहते हैं नियम?

नियम के हिसाब से पूर्व उपराष्ट्रपति को टाइप-8 बंगला या दो एकड़ का प्लॉट मिलता है. इसके लिए लिखित में आवेदन देना होता है. लेकिन सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक ऑफर नहीं आया और न ही धनखड़ के दफ़्तर ने कोई औपचारिक मांग रखी.
सूत्रों के मुताबिक चौटाला ने खुद पहल कर अपना फार्महाउस ऑफर किया. इसे लोग महज मेहमाननवाज़ी नहीं मान रहे, बल्कि इसे जाट बिरादरी की एकजुटता का संकेत भी कहा जा रहा है. धनखड़ राजस्थान से आते हैं और खुद को अक्सर जाट समुदाय की नुमाइंदगी करने वाला बताते हैं. वहीं, चौटाला हरियाणा की राजनीति में जाट समाज के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं.
दिल्ली की राजनीति में नेताओं के घर सिर्फ रहने की जगह नहीं माने जाते, बल्कि यह ताकत और संदेश देने का जरिया भी होते हैं. ऐसे में सरकार और धनखड़, दोनों की चुप्पी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

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