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गठबंधन नहीं,बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी : मायावती

गठबंधन नहीं,बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी : मायावती

 

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा UP की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बिहार चुनाव पर बड़ा फैसला किया है. मायावती की अध्यक्षता में बी एस पी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 243 सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला किया है। इसके साथ ही संगठन को यूपी मॉडल पर मजबूत करने की रणनीति बनाई गई है. पार्टी ने राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद तथा प्रभारी रामजी गौतम के नेतृत्व में उम्मीदवारों का चयन शुरू किया है.

लखनऊ/पटना: बहुजन समाज पार्टी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अकेले अपने दम पर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. पार्टी सुप्रीमो मायावती की अध्यक्षता में पिछले दो दिनों में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में उम्मीदवारों के चयन और पार्टी की तैयारियों पर गहन चर्चा की गई. इस दौरान बिहार के बदलते राजनीतिक हालात और चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया. बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को संगठन में मौजूद कमियों को तत्काल दूर करने और चुनावी तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए. उन्होंने सितंबर माह से शुरू होने वाली पार्टी की जनसभाओं, यात्राओं और अन्य कार्यक्रमों के लिए विशेष जिम्मेदारियां सौंपी. ये सभी कार्यक्रम मायावती के प्रत्यक्ष दिशा-निर्देशन में आयोजित होंगे. पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद, केंद्रीय कोऑर्डिनेटर और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, तथा बीएसपी बिहार इकाई को इन कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौपी गई है.

बेहतर परिणाम का भरोसा

मायावती ने बिहार के तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य और चुनावी समीकरणों पर विशेष ध्यान देने को कहा. बैठक में पार्टी नेताओं ने मायावती को आश्वस्त किया कि बीएसपी बिहार में इस बार बेहतर प्रदर्शन करेगी. पार्टी ने सामाजिक न्याय, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदायों के मुद्दों को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया है. साथ ही, बिहार में बेरोजगारी, शिक्षा और विकास जैसे स्थानीय मुद्दों को भी जोर-शोर से उठाने की योजना बनाई गई है.

यूपी मॉडल के आधार पर होगा संगठन सशक्तिकरण

बीएसपी ने बिहार में अपनी संगठनात्मक संरचना को उत्तर प्रदेश के पैटर्न पर मजबूत करने की रणनीति अपनाई है. इससे पहले मायावती ने ओडिशा और तेलंगाना में भी यूपी मॉडल के आधार पर जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कमेटियों के गठन और जनाधार बढ़ाने के लिए मिशनरी कार्यों की समीक्षा की थी. बिहार में भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए विशेष लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं.

बेहतर समन्वय के लिए प्रदेश को तीन ज़ोन में विभाजित करने की रणनीति

बिहार की विशाल भौगोलिक और राजनीतिक विविधता को देखते हुए बीएसपी ने सभी 243 विधानसभा सीटों को तीन ज़ोन में विभाजित करने का फैसला लिया है. प्रत्येक जोन की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है, ताकि चुनावी तैयारियों को और प्रभावी बनाया जा सके. यह रणनीति पार्टी को स्थानीय स्तर पर बेहतर समन्वय और कार्यकर्ताओं की सक्रियता सुनिश्चित करने में मदद करेगी.

यूपी मॉडल के आधार पर होगा संगठन सशक्तिकरण

बीएसपी ने बिहार में अपनी संगठनात्मक संरचना को उत्तर प्रदेश के पैटर्न पर मजबूत करने की रणनीति अपनाई है. इससे पहले मायावती ने ओडिशा और तेलंगाना में भी यूपी मॉडल के आधार पर जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कमेटियों के गठन और जनाधार बढ़ाने के लिए मिशनरी कार्यों की समीक्षा की थी. बिहार में भी बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और मतदाताओं तक पहुंचने के लिए विशेष लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं.


निष्पक्ष और प्रभावी रणनीति
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से निष्पक्ष और प्रभावी रणनीति के साथ चुनाव में उतरने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “बिहार में बीएसपी का लक्ष्य जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए एक मजबूत विकल्प पेश करना है.” पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी और अपने दम पर बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
जनता से जुड़ने की योजना
सितंबर से शुरू होने वाली बीएसपी की जनसभाएं और यात्राएं बिहार के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करने पर केंद्रित होंगी. पार्टी ने विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों को अपने अभियान का हिस्सा बनाने की रणनीति बनाई है. बीएसपी नेताओं का दावा है कि मायावती के नेतृत्व में पार्टी बिहार में एक नई राजनीतिक ताकत के रूप में उभरेगी.

 

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