छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को जमानत मिल गई है। रायपुर जिला अदालत ने 10 हजार रुपए के बॉण्ड पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। शुक्रवार शाम को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। नंद कुमार बघेल को जातिगत मामले में टिप्पणी मामले में 3 दिन पहले 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। तब उन्होंने जमानत लेने से इंकार करते हुए जेल जाना कबूल किया था।
लखनऊ में पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान नंद कुमार बघेल ने कहा था, अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। हम यह आंदोलन करेंगे। ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा (रूस की एक नदी) भेजेंगे, क्योंकि वे विदेशी हैं। जिस तरह से अंग्रेज आए और चले गए। उसी तरह से ये ब्राह्मण या तो सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने को तैयार रहें।
नंद कुमार बघेल के अधिवक्ता गजेंद्र सोनकर ने बघेल की ओर से अदालत में जमानत आवेदन पेश किया था.उन्होंने बताया कि जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान अदालत से अनुरोध किया गया कि नंद कुमार बघेल अत्यंत ही वृद्ध हैं तथा उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. साथ ही उन पर लगाया गया आरोप आजीवन कारावास के अपराधों की श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए उन्हें जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए. सोनकर ने बताया कि इस दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बघेल की जमानत अर्जी का विरोध किया।उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने बघेल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. बघेल को जेल से रिहा कर दिया गया है.
86 वर्षीय नंद कुमार बघेल के खिलाफ ‘सर्व ब्राह्मण समाज’ ने रायपुर के डीडी नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. उनपर उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. केस दर्ज होने व गिरफ्तारी से पहले राजधानी रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के अलग-अलग शहरों में नदंकुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद रायपुर के डीडी नगर थाने में एक लिखित शिकायत के बाद नंद कुमार बघेल पर भारतीय दंड संहिता की धारा- 153ए (विभिन्न समूहों के बीच धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर वैमनस्य पैदा करना) और धारा-505(1)(बी) के तहत केस दर्ज किया गया.