अनीश कनौजिया उर्फ पिंटू चौधरी कट्टर हिंदू थे, बीच चौराहे पर काट दिए गए. इनका कसूर सिर्फ इतना था की ये हिन्दू धर्म की वर्ण व्यवस्था में अपने से तथाकथित ऊंची जाति में शादी करना।
जी हां, अनीश कनौजिया उत्तर प्रदेश गोला ब्लॉक गोरखपुर में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, हिंदू धर्म के सारी परिभाषा को यथावत पालन करते थे, सुबह उठकर मंदिर भी जाते थे, और स्वघोषित धर्म रक्षकों की टोली RSS की शाखा में भी जाते,माथे पर चंदन भी लगाते। कथित हिन्दू ह्रदय सम्राट गोरखनाथ मन्दिर के मठाधीश व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आशीर्वाद लेते हुए फोटो भी है।
इनका कसूर सिर्फ इतना था कि ये हिंदू धर्म के शुद्र वर्ण में और उसमें भी कनौजिया धोबी जाति में पैदा हुए और उच्च वर्ण के ब्राह्मण परिवार की लड़की से प्रेम विवाह किये। अनीस कन्नौजिया को गगहा थाना क्षेत्र निवासी नलिन कुमार मिश्रा की बेटी दिप्ती मिश्रा से प्रेम हो गया था जिसके बाद दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। लड़की पक्ष के लोग इस प्रेम विवाह से नाराज बताए जा रहे थे।
इस पर पहले पुलिस ने उन्हें व उनके परिवार को बहुत प्रताड़ित किया जबकि पति और पत्नी दोनों की संयुक्त वीडियो भी कई बार जारी हुआ है जो फ़ेसबुक पर उपलब्ध है। पुलिस अधिकारियों के समक्ष भी कई बार गुहार लगाई। लेकिन उनका प्रेम ब्राह्मणवादी और जातिवादी कीड़ों को बर्दाश्त नहीं हुआ, और इनकी निर्मम हत्या कर दी। ये कोई ऐसे एक घटना नहीं है. ऐसे न जाने कितनी घटनाएं होती रहती है. जातिवाद-वर्चस्ववाद आज भी कायम है. दलितों को घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता. मूंछे रखने पर भी इन्हे दिक्कत होती है. फिर भी हमारे देश में जाती तोड़ो-समाज जोड़ो की बात नहीं होती. हम सिर्फ राजनीती में उलझ गए है. लेकिन समाज में भाईचारा, प्रेम, मैत्री, विश्वास से हम परे हो गए है. ये कैसा भारतीय समाज है ? ये कैसा देश है ? जहां आज भी इंसान की कोई किम्मत नहीं. उसकी जाती ही उसकी पहचान है. !
कौन कितना हिंदू ?
कौन कैसा हिंदू ?
या सिर्फ वोट के लिये हिन्दू !
बाकी मामलो में नीच हो, औकात में रहो।
वजह साफ है तुम सिर्फ सिर्फ सिर्फ वोट देने के लिए हिंदू हो इसके आगे की सोचोगे तो आपकी जातिवाद से गुजरना पड़ेंगा। यही सिख इस घटना से मिलती है.