बहुजन समाज पार्ट की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है. गरीबी, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे पर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि, सरकारें इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रही हैं. उन्होंने कहा कि, यह स्थिति दुखद है.
मायावती ने ट्वीट करते हुये लिखा कि, ‘कोरोना लॉकडाउन और फिर इस महामारी के अति-घातक होने से केवल सामान्य जीवन ही अस्त-व्यस्त व त्रस्त नहीं हुआ है बल्कि देश की पूरी अर्थव्यवस्था भी काफी चरमरा गई है तथा बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि सभी को विचलित कर रही है फिर भी सरकारें उतनी गंभीर नहीं लगती हैं, अति-दुःखद’.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि, सरकारें अपने स्वार्थ व द्वेष को त्यागने के लिये भी तैयार नहीं हैं. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, . देश की अर्थव्यवस्था अर्थात लोगों की रोजी-रोटी पर संकट का अब आक्सीजन पर चले जाना क्षोभ व गंभीर चिन्ता की बात, किन्तु सरकारें व पार्टियाँ अपने स्वार्थ व द्वेष आदि को अभी भी त्यागने को तैयार नहीं लगतीं। ऐसे में जनता को यहाँ इस जानलेवा जंजाल से जल्दी मुक्ति मिल पाना कैसे संभव?
बसपा अध्यक्ष मायावती लगातार मोदी और योगी सरकार पर हमलावर है. लेकिन मायावती का राजनीतिक रवैया सिर्फ़ औपचारिक बयानबाज़ी तक सीमित है. मायावती महज़ महामारी से निपटने और उससे जुड़े मुद्दों पर नसीहतें देती नज़र आती है और दबाव की राजनीति से दूर रहती है.