झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत (Vote of Trust) जीत लिया है. उन्होंने सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास मत पेश किया था. इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में सोरेन सरकार के पक्ष में 48 सदस्यों ने मतदान किया. मुख्य विपक्षी बीजेपी ने सदन की कार्यवाही का विस्तार किया. विश्वास मत जीतने के बाद हेमंत सोरेन ने अपनी पहली प्रतिक्रिया ट्विटर पर दी.उन्होंने लिखा, ” जीते हैं हम शान से, विपक्ष जलते रहें हमारे काम से लोकतंत्र जिंदाबाद!”
एक खनन लीज के मामले में चुनाव आयोग की सिफारिशों के आलोक में यह विशेष सत्र बुलाया गया था. आयोग ने सोरेन के खिलाफ सिफारिश की है. सीएम हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया। इस विधानसभा में कुल 81 सदस्य है। सोरेन सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े। विश्वासमत पर वोटिंग को बाद विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान भाजपा ने वॉक आउट किया।
सदन में सोरेन ने कहा कि हमने सब्जी, राशन और कपड़ा खरीदने की बातें सुनी थीं। भाजपा तो विधायक खरीद रही है। भाजपा के वॉकआउट पर कहा कि विपक्ष इस प्रस्ताव को पूरा सुने। मैदान छोड़कर बाहर न जाए। मैं आंदोलनकारी का बेटा हूं। इनसे डरने वाला नहीं हूं। न डरा हूं और ना ही किसी को डराऊंगा।
CM हेमंत सोरेन ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के ट्वीट को भी रीट्वीट किया, जिसमे उन्होंने लिखा था, झारखंड सरकार को महागठबंधन विधायकों की संख्या से भी 3 वोट ज़्यादा मिले। विश्वास मत जीतने पर बधाई@HemantSorenJMMजी। ऑपरेशन कमल झारखंड में फेल हुआ। विधायक ख़रीदना कोई अच्छी बात नहीं है।
वहीं इससे पहले सदन में विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बाद विश्वास प्रस्ताव पेश किया गया. सदन में विश्वासमत पेश पर चर्चा भी हुई. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर जमकर हमला किया. हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा सिर्फ सत्ता चाहती है, बीजेपी को विकास से मतलब नहीं है. सदन में अपने सम्बोधन के दौरान हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर कई आरोप लगाया.
विधानसभा की दलीय स्थिति
कुल सीटें 81
बहुमत 42
झामुमो 30
कांग्रेस 15
अन्य 3
भाजपा 26
आजसू 2
निर्दलीय 2
चुनाव आयोग ने राज्यपाल को भेजी सिफारिश
दरअसल, भाजपा ने राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी कि सीएम सोरेन व उनके परिवार ने एक खदान की लीज हासिल करने के लिए पद का दुरुपयोग किया है, इसलिए उन्हें अयोग्य करार दिया जाए। इस शिकायत को जांच के लिए राज्यपाल ने चुनाव आयोग को भेजा था। चुनाव आयोग ने इस पर सीएम सोरेन को नोटिस जारी कर उनका और शिकायतकर्ता भाजपा का पक्ष सुनने के बाद अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है।
आयोग की सिफारिश अब भी गुप्त
चुनाव आयोग ने राज्यपाल से क्या सिफारिश की है, यह अब तक औपचारिक रूप से सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि उसने सोरेन के खिलाफ शिकायत को सही पाया है और उन्हें अयोग्य करार दिए जाने की सिफारिश की है। इसके बाद से झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। सत्तापक्ष यानी महागठबंधन व विरोधी भाजपा ने भी अपनी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।