राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री रहे जगन्नाथ पहाड़िया का कोरोना के चलते निधन हो गया है. पहाड़िया राजस्थान के एक मात्र दलित सीएम रहे थे.
उनकी उम्र 93 साल की थी. वह महज 13 महीने मुख्यमंत्री रहे, लेकिन इस दौरान उन्होंने प्रदेश में सम्पूर्ण शराबबंदी कर दी थी. जगन्नाथ पहाड़िया संजय गांधी के काफी करीबी थे और उनका राजनीति में आना भी एक रोचक किस्सा है.
बताया जाता है कि एक नेता पहाड़िया को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से मिलवाने के लिए ले गये थे. जब नेहरू ने पहाड़िया से पूछा कि देश कैसा चल रहा है तो पहाड़िया ने बेबाकी से जवाब देकर पंडित नेहरू का दिल जीत लिया था. पहाड़िया ने पंडित नेहरू से कहा कि बाकी चीजें तो ठीक चल रही हैं, लेकिन देश में दलितों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है. दरअसल पहाड़िया राजस्थान के पहले दलित मुख्यमंत्री थे. 15 जनवरी 1932 को जन्मे पहाड़िया 6 जून 1980 से जुलाई 1981 तक 11 महीने राजस्थान के सीएम रहे थे. . पहाड़िया को 1957 में सबसे कम उम्र में सांसद बनने का अवसर मिला था. जब वे सांसद चुने गए तब उनकी उम्र 25 साल 3 माह थी.
कई दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ जगन्नाथ पहाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन वे महज 13 महीने ही राजस्थान के मुख्यमंत्री रह पाए. उनकी कुर्सी जाने के पीछे भी एक रोचक किस्सा है. बताया जाता है कि जयपुर में एक समारोह में उन्होंने कवयित्री महादेवी वर्मा की कविताओं को लेकर टिप्पणी की थी. उसके चलते उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. इस कार्यक्रम में पहाड़िया ने महादेवी वर्मा की कविताओं को लेकर कहा कि उनकी कविताएं सिर से ऊपर होकर निकल जाती हैं. साहित्य ऐसा लिखा जाना चाहिए जो आम लोगों की समझ में आए. पहाड़िया ने कहा कि महादेवी वर्मा की कविताएं मेरी भी समझ में नहीं आती हैं. महादेवी वर्मा ने इसकी शिकायत तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की. उसके बाद पहाड़िया को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी.