आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में शुक्रवार को राष्ट्रनिर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का इनॉगरेशन किया गया। इसकी ऊंचाई जमीन से 206 फीट है। इस मूर्ति को स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस नाम दिया गया है। यह दुनिया की टॉप 50 सबसे ऊंची मूर्तियों की लिस्ट में शामिल होगी।
‘केवल राज्य के नहीं बल्कि देश के लिए भी एक प्रतीक है’
इससे पहले तेलंगाना में स्थित डॉ. आंबेडकर की 175 फीट ऊंची मूर्ति सबसे बड़ी मानी जाती थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इस मूर्ति का उद्घाटन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- विजयवाड़ा में हमारी सरकार द्वारा बनाया गया डॉ. आंबेडकर का 206 फीट का महाशिल्पम न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी एक प्रतीक है। इस मूर्ति के अनावरण समारोह में लाखों लोग सहभागी हुए.
दुनिया की सबसे ऊंची डॉ. आंबेडकर प्रतिमा की कुल उंचाई 206 फीट है. मूर्ति का निर्माण पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत किया गया है. इस प्रतिमा में 81 फीट की मंच है जिसपर 125 फीट ऊंची वाली प्रतिमा खड़ी है. 18.81 एकड़ भूमि पर फैली इस प्रतिमा को बनाने में 404.35 रुपये करोड़ का खर्च आया है. इसके निर्माण में लगभग 400 टन स्टील लगा है. इसके आसपास के कई सुविधाओं के साथ-साथ एक संगीतमय फव्वारा बनाया गया है. साथ ही 2,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला सम्मेलन केंद्र और 8,000 वर्ग फुट का एक फूड कोर्ट और बच्चों के खेलने की जगह बनाई गई है.डॉ. आंबेडकर से संबंधित घटनाक्रम को दिखाने के लिए LED स्क्रीन भी लगाई गई है.
भारत से बाहर डॉ. आंबेडकर की सबसे बड़ी मूर्ति अमेरिका में
भारत से बाहर डॉ आंबेडकर की सबसे ऊंची मूर्ति अमेरिका के वांशिगटन में हैं। पिछले साल 2023 में इसका अनावरण किया गया था, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ नाम दिया गया। यह मूर्ति 19 फीट ऊंची है और इसे मूर्तिकार राम सुतार ने बनाया है, जिन्होंने सरदार पटेल की मूर्ति भी बनाई थी।