प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बुद्ध आज भी भारत के संविधान की प्रेरणा हैं, बुद्ध का धम्म-चक्र भारत के तिरंगे पर विराजमान होकर हमें गति दे रहा है। आज भी भारत की संसद में कोई जाता है तो इस मंत्र पर नजर जरूर पड़ती है- ‘धर्म चक्र प्रवर्तनाय। उन्होंने आगे कहा कि भगवान बुद्ध ने कहा था- “अप्प दीपो भव”। यानी, अपने दीपक स्वयं बनो। जब व्यक्ति स्वयं प्रकाशित होता है तभी वह संसार को भी प्रकाश देता है। यही भारत के लिए आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा है। यही वो प्रेरणा है जो हमें दुनिया के हर देश की प्रगति में सहभागी बनने की ताकत देती है।
प्रधानमंत्री कुशीनगर में महापरिनिर्वाण विहार में अभिधम्म दिवस पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन में बोल रहें थे.
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि श्रीलंका में बौद्ध धर्म का संदेश, सबसे पहले भारत से सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा ले कर गए थे। माना जाता है कि आज के ही दिन ‘अर्हत महिंदा’ ने वापस आकर अपने पिता को बताया था कि श्रीलंका ने बुद्ध का संदेश कितनी ऊर्जा से अंगीकार किया है। इस समाचार ने ये विश्वास बढ़ाया था, कि बुद्ध का संदेश पूरे विश्व के लिए है, बुद्ध का धम्म मानवता के लिए है।
पीएम ने कहा कि आज एक और महत्वपूर्ण अवसर है, भगवान बुद्ध के तुषिता स्वर्ग से वापस धरती पर आने का! इसीलिए, आश्विन पूर्णिमा को आज हमारे भिक्षुगण अपने तीन महीने का ‘वर्षावास’ भी पूरा करते हैं। आज मुझे भी वर्षावास के उपरांत संघ भिक्षुओं को ‘चीवर दान’ का सौभाग्य मिला है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इसके बाद ‘अभिधम्म दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस एयरपोर्ट के बन जाने से अब दुनिया के हर कोने से कुशीनगर आना आसान होगा। भगवान बुद्ध का बोद्धित्व- सेंस ऑफ अल्टीमेट रिस्पॉन्सिबिलिटी है। यानी जो कुछ हो रहा है, उसमें यदि हम अपना सकारात्मक पक्ष रखेंगे, तो हमारे अंदर जिम्मेदारी का भाव आएगा।
PM ने कहा- भगवान बुद्ध हर जगह हैं। भगवान बुद्ध दिशाओं और सीमाओं से परे रहे हैं। भगवान बुद्ध का समर्पण हम सबके लिए प्रेरणा है। जहां-जहां भगवान बुद्ध के विचार को आत्मसात किया गया है, वहां कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी रास्ते बने हैं।
इससे पहले मोदी भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्तूप पहुंचे। यहां शयनमुद्रा में पश्चिम दिशा की तरफ सिर कर लेटे भगवान बुद्ध की प्रतिमा का पूजा की। 6 मीटर लंबा चीवर दान किया। चीवर बौद्ध भिक्षु धारण करते हैं। यहां भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम समय यहीं बिताया था। यहीं अपने भौतिक शरीर का त्याग किया था। PM ने मंदिर परिसर में पीपल का पौध लगाया है।
श्रीलंका की पहली फ्लाइट ने किया लैंड
इससे पहले यहां श्रीलंका की पहली फ्लाइट ने एयरपोर्ट पर लैंड किया। फ्लाइट से श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे के साथ ही कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 125 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है। CM योगी ने सभी का स्वागत किया। नागरिक उड्डन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कुशीनगर से दिल्ली की हफ्ते में 4 फ्लाइट की सेवा 26 नवंबर से शुरू हो जाएगी, इसके बाद आर्थिक राजधानी मुंबई से भी सीधी उड़ान की व्यवस्था करवाई जाएगी। आज हमारे 54 करोड़ बौद्ध धर्म के लोगों को ये कुशीनगर हवाईअड्डा समर्पित करने के लिए PM यहां उपस्थित हैं।