बिहार में एक बार फिर JDU-BJP गठबंधन टूट सकता है। खबर है कि इस हफ्ते तक दोनों अलग हो सकते हैं और राज्य में फिर JDU और RJD की सरकार बन सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सभी सांसद और विधायकों को अगले दो दिन में पटना पहुंचने को कहा है।
उधर, RJD भी इसी नक्शेकदम पर है। उसने सभी विधायकों को पटना में रहने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश ने सोनिया गांधी से टेलीफोन पर बात की। 11 अगस्त तक राज्य में नई सरकार बन सकती है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि मंगलवार को ही तेजस्वी यादव अपने सभी विधायकों के साथ बैठक करेंगे। हालांकि, सरकार के भविष्य को लेकर JDU नेताओं ने कोई आधिकारिक बात नहीं कही है। आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि राजद बिहार में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में अस्थिरता को नहीं आने देंगे. बिहार तय करेगा कि उसके लिए सबसे अच्छा क्या है.वही कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है की नितीश कुमार पहले भी उनके सहयोगी रह चुके है. ऐसे में आगे देखिये क्या होता है.
तेजस्वी होंगे डिप्टी सीएम
लेकिन आरजेडी के सूत्रों के अनुसार तेजस्वी नीतीश कुमार को सीएम बनाने के लिए तैयार हो गए हैं. वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी खुद डिप्टी सीएम के अलावा गृह विभाग भी अपने पास ही रखेंगे. इतना ही नहीं आरजेडी का ही सदन में स्पीकर भी होगा ये भी तय हो चुका है. नई सरकार की रूप रेखा लगभग तय हो चुकी है. आरजेडी में इस दफा सीधा तेजस्वी यादव इस कमान को संभाले हुए हैं और समय समय पर लालू प्रसाद से संपर्क किया जा रहा है.
कहा जा रहा है कि जातिय जनगणना ही वो अस्त्र है जिसके सहारे आने वाले समय में जेडीयू और आरजेडी मिलकर बीजेपी को काउ बेल्ट में जोरदार घेरने का प्रयास करेगी. जेडीयू बीजेपी से दूरी बनाने की तैयारी पहले से कई मौकों पर करती नजर आई है. अग्निवीर के मुद्दे पर जेडीयू ने आरजेडी के तोड़ फोड़ कार्यक्रम को देर से रोका और केन्द्र सरकार से अग्निवीर योजना की समीक्षा की मांग कर डाली. इतना ही नहीं जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी नीतीश कुमार के बोल बीजेपी लाइन से अलग साफ तौर पर सुनाई पड़े . कल यानि रविवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने महंगाई पर केन्द्र सरकार के खिलाफ बोलकर आरजेडी की लाइन पर वक्तव्य दे दिया जिससे साफ हो गया कि आने वाले दिनों में सियासी झुकाव जेडीयू का किधर होने वाला है.
2020 में नीतीश की पार्टी JDU की 28 सीटें घट गई थीं और वह 43 पर आ गई, जबकि BJP की 21 सीटें बढ़कर 74 पर पहुंच गई थीं। NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। बीजेपी द्वारा लगातार उपेक्षा और JDU को कमजोर करने के साजिश के चलते नितीश कुमार परेशान है. इसलिए वो फिर से RJD और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के पक्ष में है.