2002 में गुजरात दंगों के दौरान 5 महीने की प्रेग्नेंट बिलकिस बानो से गैंगरेप के मामले में दोषी 11 ब्राह्मण लोगों को गुजरात सरकार ने 15 अगस्त को रिहा किया था। ये सभी 2004 से जेल में बंद थे। CBI की स्पेशल कोर्ट ने दोषियों को 2008 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने ट्वीट कर लिखा है लेकिन हमें तो वर्षों से यही पढ़ाया गया कि गुजरात दंगों में शामिल हिंदू ज़्यादातर दलित और पिछड़े थे। लिबरल भी यही समझा रहे थे। अब तो साबित हो गया कि गैंगरेप ब्राह्मणों ने किया था।
उन्होंने आगे लिखा ब्राह्मण कितना भी भ्रष्ट, अनाचारी, दुराचारी, बलात्कारी,खुनी क्यों ना हो मनुस्मृति के अध्याय 8, श्लोक 380 के अनुसार उसे कोई सजा नहीं देनी चाहिए.
राज्य सरकार की रेमिशन पॉलिसी (माफी योजना) के तहत सभी को रिहा किया गया था। गोधरा से BJP विधायक सीके राउलजी ने दोषियों की रिहाई का समर्थन करते हुए गुरुवार को कहा- वे ब्राह्मण हैं और उनके अच्छे संस्कार हैं। राउलजी ने 11 दोषियों का फूलमालाओं और मिठाई से स्वागत करने वालों का समर्थन भी किया।
राउलजी गोधरा के DM सुजल मायात्रा की अध्यक्षता वाले गुजरात सरकार के पैनल का हिस्सा थे। इसी पैनल ने सर्वसम्मति से 11 दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की थी। गुजरात के कलोल से BJP विधायक सुमनबेन चौहान भी पैनल में शामिल थीं। यह फैसला तब लिया गया जब एक दोषी ने रिहाई की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से इस पर फैसले लेने के लिए कहा था।
सीके राउलजी ने एक रिपोर्टर से कहा- मुझे नहीं पता कि उन्होंने कोई अपराध किया है या नहीं, लेकिन अपराध करने का कोई इरादा तो होना चाहिए। विधायक ने आगे कहा- वे ब्राह्मण थे और ब्राह्मण अच्छे संस्कार के लिए जाने जाते हैं। हो सकता है कि कोई उन्हें गलत इरादे के साथ फंसाना और सजा दिलवाना चाह रहा हो। जेल में रहने के दौरान दोषियों का आचरण अच्छा था।
संदर्भ में बिलकिस ने अपने वकील शोभा गुप्ता के माध्यम से जारी एक बयान में कहा, “आज मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि किसी भी महिला के लिए न्याय इस तरह कैसे खत्म हो सकता है? मुझे अपने देश की सर्वोच्च अदालतों पर भरोसा था। मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने आघात के साथ जीना सीख रही थी। लेकिन इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय में मेरे विश्वास को डिगा दिया है।”.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा है उन्नाव- भाजपा MLA को बचाने का काम, कठुआ- बलात्कारियों के समर्थन में रैली, हाथरस- बलात्कारियों के पक्ष में सरकार, गुजरात- बलात्कारियों की रिहाई और सम्मान!अपराधियों का समर्थन महिलाओं के प्रति भाजपा की ओछी मानसिकता को दर्शाता है। ऐसी राजनीति पर शर्मिंदगी नहीं होती, प्रधानमंत्री जी?
गोधरा कांड के बाद गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान लीमखेड़ा तहसील में बिल्किस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। इस दौरान उनके परिवार के 7 सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI ने मामले की जांच की और 2004 में 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई ले जाया गया था। CBI की अदालत ने सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और इसके बाद नासिक जेल में रखा गया था। करीब 9 साल बाद सभी को गोधरा की जेल में ट्रांसफर कर दिया था।
अब इस मामले ब्राह्मण कितने जिम्मेदार है ये स्वयं बीजेपी के विधायक ने स्पष्ट कर दिया है