ब्राह्मण सम्मेलन की अपार सफलता के बाद बहुजन समाज पार्टी अब पिछड़े वर्गों की भी सत्ता की दावेदारी देने में जुट गई है. पिछड़े वर्ग को बसपा से जोड़ने के लिए बहुजन समाज पार्टी ने नई रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है. बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के निर्देश के अनुसार बसपा के विधान परिषद् सदस्य सुरेश कश्यप 4 सितंबर से पिछड़े वर्ग सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे. पहले फेस में 7 जिलों की विधानसभाओं में पिछडा वर्ग सम्मेलन का आयोजन किया जायेंगा।
बसपा इसके साथ ही बूथ स्तर पर भाईचारा कमेटियों की बैठक करने जा रही है। इसमें सभी समाज के लोगों को बुलाया जाएगा। इसका मकसद बूथ स्तर पर लोगों को बसपा के साथ जोड़ना है। बूथ स्तर पर बैठकें करने के लिए मंडलीय प्रभारियों की जिम्मेदारियां तय की जा चुकी हैं। इस बैठक में खासकर कर जिला सेक्टर प्रभारी के साथ विधानसभा प्रभारियों को रहना जरूरी होगा। बूथ स्तर पर होने वाली बैठकों का फीडबैक मायावती स्वयं सेक्टर प्रभारियों से सीधे लेंगी।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस बार वर्ष 2007 की तरह सतीश चंद्र मिश्र को प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन के माध्यम से ब्राह्मण समाज पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी है। मायावती का मानना है कि भाजपा से ब्राह्मण समाज नाराज है और इस नाराजगी के चलते अगर इनका साथ मिल गया तो सत्ता में आने से बसपा को कोई नहीं रोक पाएगा।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष शुरू से ही प्रदेश के सभी विधानसभाओं में पहुँच रहे है।