मणिपुर के वायरल वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने दुख व्यक्त करते हुए केंद्र-राज्य सरकार को फटकार लगाई है. मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है, जो वीडियो सामने आए हैं वह काफी चिंताजनक हैं. CJI ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में मई में ही एक्शन हो जाना चाहिए था, ऐसे मुद्दे नज़रअंदाज नहीं किए जा सकते हैं.
अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए केंद्र और राज्य को कड़ा एक्शन लेने का निर्देश किया. साथ ही अदालत ने साफ कहा कि अगर ग्राउंड पर कोई ठोस कदम नहीं दिखता है तो खुद एक्शन लेंगे.
आपको बता दे की बेशर्मी की हद इतनी है की मणिपुर में 4मई को महिलाओं को नग्न कर सड़कों पर दौड़ाया और बारी बारी से बलात्कार किया. 18 मई को FIR हुई. 19 जुलाई को वीडियो वायरल हुआ. दबाव बना तो आज़ एक की गिरफ्तारी हुई. और मणिपुर के CM कह रहे हैं कि उन्हें वीडियो से घटना का पता चला, ऐसे CM से इस्तीफा लेना नहीं छीन लेना चाहिए!
इस बीच इस घटना पर पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान हेरादास (32) के रूप में हुई है, जिसे वायरल हुए वीडियो की मदद से थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया, जिसमें वह हरे रंग की टी-शर्ट पहने हुए देखा गया था. पुलिस ने आगे कहा कि जांच आगे बढ़ने के बाद और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को SG और AG से इस मामले में एक्शन लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि मीडिया में जो दिखा है, उससे हम काफी डिस्टर्ब हैं. ये मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन है, हम केंद्र और राज्य सरकार को तुरंत इस मामले में एक्शन लेने का आदेश देते हैं. बता दें कि सर्वोच्च अदालत अब 28 जुलाई को इस मसले पर सुनवाई करेगी, जिसमें एक्शन की जानकारी ली जाएगी.
मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं के साथ हुई क्रूरतापूर्ण दरिंदगी के खिलाफ राज्य के आदिवासी बारिश में भीगते हुए पीड़िताओं को न्याय के लिए मार्च निकाल रहे है। राज्य में तात्कालिक शांति के लिए बीरेन सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे है। क्या सरकार सुनेगी?
ये बर्दाश्त नहीं हो सकता’
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने का वीडियो सामने आया था, इसी दौरान महिलाओं संग यौन शोषण किया गया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसपर कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती है, महिलाओं के अधिकारों को लेकर इस तरह की घटना आत्मा को हिलाने वाली है ये संविधान के अधिकारों का हनन है.
इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर में तनाव बढ़ गया है. यह घटना पूर्वोत्तर राज्य के कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुई थी. इस मामले पर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि सरकार अपराधियों के खिलाफ मृत्युदंड पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि आरोपी को बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात करीब 1.30 बजे गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया और कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 12 टीमों का गठन किया गया है. पुलिस शिकायत के अनुसार, घटना के दिन लगभग 800 से 1,000 लोग अत्याधुनिक हथियार लेकर बी. फेनोम गांव में घुस गए और संपत्तियों में तोड़फोड़ और लूटपाट की और घरों को जला दिया.
एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने एक आदमी को तुरंत मार डाला और तीन महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. उनमें से एक (21) के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और जब उसके 19 वर्षीय भाई ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उसकी हत्या कर दी गई.
मणिपुर में यौन हिंसा को लेकर CM एन बीरेन सिंह ने हैरान करने वाला बयान दिया है. एन बीरेन सिंह के मुताबिक राज्य में इस तरह के सैकड़ों केस है. उन्होंने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, ‘हमने वीडियो देखा और मुझे बहुत बुरा लगा, यह मानवता के खिलाफ अपराध है. मैंने तुरंत पुलिस को दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और राज्य सरकार आरोपियों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी.”
मणिपुर की घटना का बीभत्स वीडियो सामने आने के बाद भी सरकार महिलाओं के खिलाफ रहम नहीं दिखा रही. बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को एक बार फिर सरकारी शरण मिली गई है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के पुलिस कस्टडी की कोई डिमांड नहीं की, जिसके कारण उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उन्हें नियमित जमानत मिल गई है. दाखिल चार्जशीट पर स्क्रूटनी 28 जुलाई को होगी.महिला पहलवानों के यौन शोषण आरोपों का मामला इतना संगीन होने के बावजूद भी दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध नहीं किया.