संसद के मानसून सत्र का आगाज विपक्ष के हंगामे के साथ हुआ. सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम, किसान आंदोलन और पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी के मामलों को लेकर जनता की आवाज बुलंद की.
लोकसभा में कांग्रेस, टीएमसी, बसपा और अकाली दल के सांसदों ने महंगाई, किसान आंदोलन और अन्य मुद्दों पर नारेबाजी की और सदन के वेल में पहुंच गए. इससे पीएम मोदी सरकार के नए मंत्रियों का सदन में परिचय नहीं करा पाए. हंगामे के बाद लोकसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यसभा एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी.
किसान आंदोलन को लेकर बीएसपी और अकाली दल समेत कई दलों ने संसद के बाहर भी बैनर लेकर नए कृषि कानूनों का विरोध किया. इस दौरान बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा भी किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि ये काले कानून हैं. ये किसान के खिलाफ कानून हैं. किसान एक साल से सड़कों में हैं, उनकी नहीं सुनी जा रही है. किसान परेशान हैं, पूरी जनता परेशान हैं. हम इसका विरोध करेंगे. हम इसका अंदर और बाहर दोनों जगहों पर विरोध करेंगे.