Skip to content
0712 - 6649944
advt@awaazindiatv.com
Nagpur, India.
About Us
Feedback
Contact
Home
News
Views
Buddha Vachan
Interview
Bahujan Icon
Video
Blogs
Photos
Contribution
Home
News
Views
Buddha Vachan
Interview
Bahujan Icon
Video
Blogs
Photos
awaaz_nwp
Home
-
awaaz_nwp
News
awaaz_nwp
April 7, 2021
दक्षिण अफ्रीका ने क्यों कहा हमें म.गांधी नहीं डॉ. आंबेडकर चाहिए
भारतीय संविधान दक्षिण अफ्रीका के नए संविधान के निर्माण में प्रेरणा प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि एक नए…
Views
awaaz_nwp
April 7, 2021
भारत के संविधान के अनुसार देश का धर्म क्या है!
भारत में हर व्यक्ति को एक ख़ास धर्म स्वीकार करने की स्वतंत्रता मिली हुई है। समानता, अभिव्यक्ति और जीने की…
Views
awaaz_nwp
April 7, 2021
भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्जीवन करने वाले अनागरिक धम्मपाल (धर्मपाल)
*भारत में बौद्ध धर्म को पुनर्जीवन करने वाले अनागरिक धम्मपाल (धर्मपाल) (जन्म 17-09-1864 से महाप्रयाण 29-04-1933) *बचपन का नाम* –…
Views
awaaz_nwp
April 7, 2021
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के ऐतिहासिक कार्य
भारतीय तिरंगा ध्वज में अशोक चक्र को स्थान प्राप्त कराने का श्रेय डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को जाता है. अर्थशास्त्र में…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
बौद्ध दरअसल धर्म नहीं बल्कि धम्म है
हजारों साल पहले सम्राट अशोक ने धम्म का अनुवाद रिलिजन नहीं कराया था….. अशोक को पता था कि बौद्ध कोई…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
भिक्खुओं! जो मेरी सेवा करना चाहता है, वह रोगी की सेवा करें । – तथागत बुद्ध
एक बार तथागत बुद्ध भिक्खु आनंद के साथ एक बड़े विहार में भिक्खु निवास का निरीक्षण कर रहे थे. एक…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
तिब्बत में 84,000 किताबें मिलीं
बात 2003 की है, तिब्बत के साक्या बौद्ध मठ में पुस्तकालय मिला, पुस्तकालय में 84,000 पुराने प्रकार की लिखी हुईं…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
भगवान बुद्ध की माँ
कर्नाटक इतिहास अकादमी ने रिसर्च किया है कि कर्नाटक के कुछ भागों में बुद्ध की माँ की पूजा Bananthi Kallu…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
आप आगे जाइए ,हमारे पिताजी बासी भोजन कर रहे हैं। – मीगार माता विशाखा
विशाखा अपने ससुर मीगार सेठ को अपने हाथ से पका कर ताजा-गर्म भोजन स्वयं परोस कर खिला रही थी। मीगार…
Buddha Vachan
awaaz_nwp
April 6, 2021
सज्जनों का संग करे, दुर्जनों से रहे दूर ।
तीन सुख के इच्छुक सज्जनों के संग करे। कौन तीन सुख ? १. प्रशंसा २. धनलाभ ३. मरणानन्तर सुगति ।…
1
2
3
4
...
7