बिहार सीएम नीतीश कुमार और यूपी मंत्री संजय निषाद बुर्का (हिजाब) विवाद में फंसते जा रहे है। मुनव्वर राणा की बेटी और सपा नेता सुमैया राणा ने लखनऊ पुलिस को तहरीर देकर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक वायरल वीडियो पर यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने बड़ा बयान दे दिया है। संजय निषाद ने कहा कि नकाब (हिजाब) छू दिया तो इतना हो गया है, कहीं और छूते तब क्या हो जाता। कैबिनेट मंत्री के इस बयान पर बवाल बढ़ गया है। वहीं इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी की नेता व प्रवक्ता सुमैया राणा ने नीतीश कुमार और संजय निषाद के खिलाफ कैसरबाग कोतवाली में शिकायत की है। बता दें, सुमैया राणा शायर मुनव्वर राणा की बेटी है।
दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे। नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र सौप रहे थे। इसी दौरान एक मुस्लिम युवती नियुक्ति पत्र लेने के लिए पहुंची थी, उस युवती ने हिजाब पहन रखा था। सीएम नीतीश ने नियुक्ति पत्र देने के बाद उसका हिजाब हटाने की कोशिश की। यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। इस वायरल वीडियो पर यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने प्रतिक्रिया दी है। संजय निषाद ने तंज कसते हुए कहा कि वो भी एक आदमी है। पीछे नहीं पड़ जाना चाहिए।
हिजाब खींचना मानसिक दिवालियापन
कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि नकाब छू दिया तो इतना हो गया, कही और छूते तब क्या हो जाता। वहीं बिहार सीएम नीतीश कुमार के वीडियो पर सपा नेता सुमैया राणा ने कहा कि जब से बिहार के सीएम नीतीश कुमार का वीडियो देखा है, तब से अजीब सी सोच दिमाग में आ रही थी कि किस तरीके की सोच रखते हैं। एक महिला जो पर्दा करके आई थी, इसका मतलब वो पहले से पर्दा करती है। उन्होंने महिला का हिजाब खींचा और उसके बाद हंसने लगे। ये मानसिक दिवालियापन की निशानी है। एक समाज को ठेस पहुंचाने की कोशिश है।
महिला प्रधान देश भारत
सुमैया राणा ने कहा कि ये महिला प्रधान देश है। यहां पर महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता है। इससे ज्यादा कुछ भी शर्मनाक नहीं हो सकता है, इसीलिए हमने कैसरबाग कोतवाली में तहरीर दी है। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ चाहिए। सुमैया राणा ने संजय निषाद पर भी जोरदार पलटवार किया है।
सुमैया राणा ने कहा कि जिस तरीके से संजय निषाद ने यह बयान दिया कि सिर्फ नकाब ही तो हटाया है कहीं और नहीं छुआ। इसका क्या मतलब निकलता है। एक समाज को घृणा की नजर से देख रहे हैं। इस मामले पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। अगर सख्त कार्रवाई और मुकदमा नहीं दर्ज किया गया तो हम इस मामले में घेराव करेंगे।


