माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के आधार को चुनौती देते हुए हमारी ओर से दायर 250 पृष्ठों की संशोधन याचिका स्वीकार कर ली है। प्रतिवादियों को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना है। इसके बाद हमारे पास इस पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय है। अगली सुनवाई २४ नवंबर, २०२५ को होगी।
सोनम वांगचुक केस में उन्हें रिहा करवाने के लिए उनकी पत्नी गीतांजलि निरंतर प्रयासरत है. विगत कल उन्होंने रितम खरे जो सर्वोच्च न्यायलय में वकील एवं लॉ गिस्ट के संपादक हैं उनके साथ के साथ मुलाकात की. ऐसी जानकारी अपनी एक पोस्ट में x पर साझा की। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात में रितम खरे को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बारे में जानकारी दी गयी । एड। खरे ने कहा कि सत्याग्रह, अनशन और पदयात्रा के ज़रिए बापू के पदचिन्हों पर चलते हुए अब सोनम वांगचुक जेल भी पहुँच गए हैं! आखिरकार उन्हें यकीन है कि बापू जैसी यह यात्रा स्वराज की ओर ले जाएगी – वह सभी के लिए स्वतंत्रता चाहते हैं चाहे वह लदाख के लोगों, जानवरों, पक्षियों, मधुमक्खियों, नदियों, लद्दाख, हिमालय और दुनिया की घाटियों और ग्लेशियरों के लिए काम कर रहे हैं.
गीतांजलि ने आगे कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सोनम वांगचुक की नज़रबंदी के आधार को चुनौती देते हुए हमारी ओर से दायर 250 पृष्ठों की संशोधन याचिका स्वीकार कर ली है। प्रतिवादियों को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करना है। इसके बाद हमारे पास इस पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय है। अगली सुनवाई २४ नवंबर, २०२५ को होगी।


 
											
 
											 
											