सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस, जस्टिस गवई पर जूता फेंकने के आरोपी वकील राकेश किशोर के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने वकील को अवमानना का नोटिस जारी करने से इंकार करते हुए कहा कि बेहतर होगा कि यह विवाद अपने आप खत्म हो जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने CJI गवई पर जूता फेंकने की घटना को अदालत की अवमानना बताया है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश बनाने पर विचार किया जाएगा. SC ने कहा कि अवमानना नोटिस से वकील को अनुचित महत्व मिलेगा.
CJI गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले राकेश किशोर के खिलाफ अपराधिक अवमानना वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई . इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत (संभावित अगले CJI) और जस्टिस जायमल्या बागची की पीठ ने सुनवाई की. अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अपराधिक अवमानना कार्रवाई शुरू करने के लिए सहमति देने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि राकेश किशोर पर सख्त करवाई हो सकती है. मगर ऐसा नहीं हुआ. CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसी घटना आगे ना हो इसके लिए वह दिशानिर्देश बनाने पर विचार करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत में नारे लगाना, जूते फेंकना अदालत की अवमानना का मामला है, लेकिन यह संबंधित जज पर निर्भर करता है इसके अलावा SC ने ये भी कहा कि अवमानना नोटिस जारी करने से CJI पर जूता फेंकने वाले वकील को अनुचित महत्व मिलेगा.
SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने दी चेतावनी
वहीं SCBA अध्यक्ष विकास सिंह ने चेतावनी दी कि निष्क्रियता से संस्था का बहुत अनादर होगा और लोग मजाक बना रहे हैं. उन्होंने बेंच पर नोटिस जारी करने कि वकील माफी मांगे या उसे जेल भेजा जाए के लिए दबाव डाला. सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि वह इस घटना को अपनी स्वाभाविक रूप से ख़त्म होने दें.
बार एसोसिएशन ने वकील सदस्यता की थी रद्द
अक्टूबर में एक सुनवाई के दौरान कोर्ट में फेंके गए CJI बीआर गवई पर जूते के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर की सदस्यता रद्द कर दी थी और इस संबंध में राकेश किशोर के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. भारत के मुख्य न्यायाधीश CJI गवई पर जूता फेंकने का प्रयास 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान किया गया था. गवई पूरे घटनाक्रम के दौरान शांत रहे, लेकिन बार एसोसिएशन ने वकील पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.
मुझे जूता फेंकने पर कोई अफसोस नहीं
वहीं CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील ने जूता फेंकने के बाद दिए इंटरव्यू में अपने कदम पर कोई अफसोस नहीं जताया है. वकील राकेश किशोर ने इसे बिल्कुल सही ठहराते हुए कहा कि उन्हें भगवान की ओर से निर्देश मिला है. आरोपी वकील राकेश किशोर ने इस कदम को वकील के एक बयान के विरोध में उठाया है.”सनातन धर्म के अपमान” के विरोध में किया। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा, “सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.


