ताजा रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान सशस्त्र समूह ने अफगानिस्तान की एक और प्रांतीय राजधानी पर कब्जा कर लिया है। हम आपको बता दें कि अफगानिस्तान की 34 प्रांतीय राजधानियों में से कंधार ऐसी 12वीं राजधानी है जिस पर अब उग्रवादियों का कब्जा हो गया है। कंधार पर तालिबानियों का कब्जा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।
अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा करें तो इस समय तालिबानी उग्रवादी बड़े-बड़े हथियारों के साथ इलाकों पर कब्जा करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। आगे बढ़ने की इस यात्रा के दौरान वह स्कूलों को ध्वस्त करते जा रहे हैं, महिलाओं को कब्जे में लेते जा रहे हैं, सरकारी सुरक्षा बलों के हथियारों और वाहनों को कब्जे में लेते जा रहे हैं। पूरे अफगानिस्तान में इस समय हालात ऐसे हैं कि लोग परिवार समेत भागे-भागे देश की राजधानी काबुल पहुँच रहे हैं। सभी की चिंता अपने परिवार की महिलाओं की इज्जत बचाने की है क्योंकि जहां-जहां तालिबान का कब्जा हुआ है वहां के परिवारों की महिलाओं को तालिबानियों द्वारा उठाया जा रहा है। इस समय काबुल की सड़कों और पार्कों में परिवार के परिवार खुले आसमान के नीचे पड़े हुए हैं क्योंकि यही अभी सुरक्षित शहर बचा है लेकिन तालिबान बस यहाँ भी पहुँचने ही वाला है और राजधानी में बैठी अफगान सरकार खुद भागने की तैयारी में है।
एक सरकारी सूत्र ने अल जज़ीरा को पुष्टि की है कि अफ़गान सरकार ने तालिबान को सत्ता में हिस्सेदारी की पेशकश की है जब तक कि देश में बढ़ती हिंसा रुक जाती है।
अंतरराष्ट्रीय इतिहास में अमेरिका का नाम इस बात के लिए दर्ज रहेगा कि कैसे उसने लाखों अफगानिस्तानियों को मौत के मुँह में धकेल दिया। तालिबान ने जब अमेरिका पर हमला किया तो दर्द समझ आया था लेकिन वही तालिबान जब निर्दोष अफगानियों का जीवन दुश्वार बना रहा है, तो अमेरिका को रत्ती भर भी परवाह नहीं दिख रही। सबसे बड़ा दोष तो इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का नजर आ रहा है जो बस चुपचाप अफगानियों पर तालिबान के कसते शिकंजे को देख रहा है।
देखा जाये तो अब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर सीधा खतरा मंडरा रहा है क्योंकि तालिबान उसके एकदम निकट पहुँच चुका है। यही नहीं गजनी के तालिबान के हाथों में जाने से यहां अब सरकारी बलों की आवाजाही में मुश्किलें आएंगी क्योंकि यह काबुल-कंधार राजमार्ग पर है। एक तरफ काबुल पर सीधा खतरा है, वहीं तालिबान की देश के करीब दो तिहाई हिस्से पर पकड़ मजबूत होती दिख रही है।
इस बीच अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा कई क्षेत्रों में कब्जा करने के बीच भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय है और वह वहां समग्र एवं तत्काल संघर्ष विराम की उम्मीद करता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह बात कही।
अफगानिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और कनाडा अपने असैन्य कर्मियों खासकर अपने दूतावास के कर्मियों की व्यवस्थित एवं सुरक्षित वापसी के लिए काबुल हवाईअड्डे पर अपने विशेष बलों की तैनाती करेंगे।
Image : The New York Times