प्रख्यात कन्नड अभिनेता चेतन कुमार के ब्राह्मणवाद पर बयान देने के बाद विवाद शुरू हो गया है, उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. चेतन कुमार को ओबीसी वर्ग से समर्थन मिल रहा है. हालाँकि, फ़िल्म उद्योग से जुड़ी हस्तियाँ इस मामले पर चुप्पी साधे हुई हैं. चेतन अहिंसा के नाम से मशहूर चेतन कुमार सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद पिछले दो हफ़्तों से चर्चा में हैं. इस वीडियो के बाद उनके ख़िलाफ़ ब्राह्मण डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष और एक अन्य संस्था ने शिकायत दर्ज कराई थी.
चेतन कुमार ने अपनी सफाई में कहा है कि वो ब्राह्मणों की नहीं, बल्कि ब्राह्मणवाद की आलोचना करते हैं। बता दें कि हाल ही में कन्नड़ फ़िल्म अभिनेता उपेंद्र द्वारा कोरोना में मदद के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर एक्टिविस्ट अभिनेता चेतन कुमार ने कहा था कि इस आयोजन में सिर्फ़ पुरोहित वर्ग के लोगों को बुलाया गया था।
ब्राह्मणवाद असमानता की मूल जड़ बताते हुये चेतन कुमार ने उपेंद्र की आलोचना की थी। वहीं अभिनेता उपेंद्र का कहना है कि केवल जातियों के बारे में बात करते रहने से जातिवाद बना रहेगा। चेतन ने ट्विटर पर डाले गये अपने वीडियो में कहा था, ”हज़ारों सालों से ब्राह्मणवाद ने बासव और बुद्ध के विचारों को मार डाला है। 2500 साल पहले बुद्ध ने ब्राह्मणवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी। बुद्ध विष्णु के अवतार नहीं हैं और ये एक झूठ है और ऐसा कहना पागलपन है।”
इसके बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि- ”ब्राह्मणवाद स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना को अस्वीकार करता है। हमें ब्राह्मणवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए, #आंबेडकर। सभी समान रूप से पैदा होते हैं, ऐसे में यह कहना कि सिर्फ़ ब्राह्मण ही सर्वोच्च हैं और बाक़ी सब अछूत हैं, बिल्कुल बकवास है। यह एक बड़ा धोखा है- #पेरियार।’
चेतन कुमार को अन्य पिछड़े समुदायों से समर्थन मिल रहा है। बामसेफ उनके समर्थन में उतर आया है। वहीं कन्नड़ फिल्म उद्योग से जुड़ी हस्तियाँ इस मामले पर चुप्पी साढ़े हुये हैं। 37 साल के चेतन कुमार का जन्म अमेरिका में हुआ है. उनके माता-पिता डॉक्टर हैं.
जब चेतन येल यूनिवर्सिटी से पढ़कर वापस भारत आये फ़िल्म के निर्देशक केएम चेतन्य ने उन्हें अपनी ”आ दिनागलु” में कास्ट किया। जोकि साल 2007 में रिलीज हुयी थी। कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार अपनी फिल्मों से ज़्यादा अपनी राजनीतिक विचारधारा और सामाजिक राजनीतिक पक्षधरता के लिये जाने जाते हैं। आदिवासियों को जंगल से हटाये जाने के मुद्दे पर वो कोडगु ज़िले में धरने पर बैठे थे। विस्थापित होने वालों को रहने के लिये वैकल्पिक जगह मुहैया कराने की मांग की थी। चेतन कुमार ने ‘फ़िल्म इंडस्ट्री फॉर राइट्स एंड इक्वेलिटी’ (FIRE) नाम से एक मंच बनाया था, जो फ़िल्मों में काम करने वाले लोगों के आर्थिक और शारीरिक उत्पीड़न जैसे मसलों पर काम करता है।