कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से नाश्ते पर बुलाई गई बैठक के बाद विपक्षी नेता साइकिलों से संसद भवन पहुंचे। कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित राहुल गांधी की अगुवाई में 17 दलों के नेता शामिल हुए। शिवसेना, एनसीपी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई समेत दलों के नेताओं के साथ राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि हम लोग विपक्ष के तौर पर एकजुट रहेंगे तो फिर आरएसएस और भाजपा हमारी आवाज को दबा नहीं सकेंगे।
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी को एक जुट करने के लिए राहुल गांधी ने लोकसभा और राज्यसभा के 100 से ज्यादा सांसदों को नाश्ते पर बुलाया। राहुल गांधी की इस ब्रेकफास्ट पार्टी में दिल्ली के कन्स्टीट्यूशनल क्लब में 17 पार्टियों के 150 नेता शामिल हुए। जिनके साथ राहुल गांधी की बैठक हुई। बता दें कि राहुल गांधी की तरफ से बुलाई गई ब्रेकफास्ट मीट के बाद विपक्ष ने संसद तक ‘साइकिल मार्च’ निकाला।
बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश एवं कई सांसद, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना नेता संजय राउत, राजद के मनोज झा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल समेत 17 दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक में कांग्रेस के अलावा राकांपा, शिवसेना, राजद, सपा, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) विपक्षी फ्लोर के नेता बैठक में शामिल हुए. उधर बैठक के बाद राहुल गांधी, विपक्ष के नेताओं के साथ साइकिल से संसद तक गए. बता दें कि राहुल के घर विपक्षी दलों में 17 दलों को न्योता भेजा था लेकिन बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी बैठक से नदारद दिखी। इन दोनों दलों से किसी नेता का शामिल न होना कई बातों के संकेत देता है।
भाजपा-आरएसएस के लिए आवाज दबाना होगा मुश्किल- राहुल गांधी
विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान राहुल गांधी ने संक्षिप्त संबोधन भी दिया. राहुल ने कहा, ‘मेरे विचार से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम एकजुट हों. यह आवाज (जनता की) जितनी एकजुट होगी, यह आवाज उतनी ही शक्तिशाली होगी, भाजपा-आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा.’
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल मानसून सत्र 2021 में संसद की कार्रवाई में लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसके अलावा पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों, महंगाई पर सरकार को घेर रहे हैं। इस बार संसद सत्र शुरू होने से पहले पेगासस जासूसी काण्ड का खुलासा हुआ, जिसे लेकर विपक्षी दल सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। इन्ही मुद्दों पर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति पर चाय की चुस्की के दौरान विपक्षी दलों के बीच चर्चा हुई। संसद के मॉनसून सत्र का जो भी समय बचा हुआ है, उसमें मोदी सरकार पर किस तरह हमला किया जाए, इस पर विपक्षी दलों ने रणनीति बनाने को लेकर मंथन किया।