कोलकाता के ‘मां’ फ्लाईओवर की तस्वीर तथा जर्मनी की कंपनी को उत्तर प्रदेश के बदलाव की तस्वीर के तौर पर इस्तेमाल करने को लेकर विवाद छिड़ गया है . सोशल मीडिया पर से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर किरकिरी हो रही है। धर्म की राजनीति करनेवाली बीजेपी विकास की राजनीती से कोसो दूर है. वही मायावती के 2007 के शासनकाल में उत्तर प्रदेश विकास की ऊंचाई पर था. मायावती के शासनकाल में कभी दंगा नहीं हुआ. किसानों को न्याय मिला, नौजवानों को रोजगार मिला.स्वास्थ्य-शिक्षा सभी क्षेत्र में मायावती ने बेहतरीन कार्य किया.
यूपी में ही नहीं, भारत में अगर भव्य निर्माण किसी ने कराया है तो वो बहन मायावती जी हैं। उनके समय का कराया गया हर निर्माण 500-600 साल टिकने वाला है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटी सोच के आदमी है। उन्हें निर्माण के लिए वोट नहीं मिलता। कुछ तोड़ना या विध्वंस कराना हो तो वे कर देंगे। बहनजी का बनवाया हुआ यमुना एक्सप्रेस वे देखिए। देश की सबसे मज़बूत और अच्छी सड़क। योगी की औक़ात नहीं है। सोच बड़ी होती है, तो बड़ा काम होता है। योगी की सोच छोटी है। एक बड़ा काम नहीं कर पाए।
बहनजी के समय बनी गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी या लखनऊ का डॉ. बाबासाहब आंबेडकर स्मारक, बहनजी के हर काम बेमिसाल है। देश में एकमात्र फॉर्मूला वन (एफ-1) रेस सर्किट ग्राउंड, बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट बहुजन समाज पार्टी के शासन काल की देन है, दो हजार करोड़ रुपए की लागत से बने इस सर्किट में ऐसे सभी अत्याधुनिक उपकरण व तकनीक इस्तेमाल की गई हैं जो किसी अंतरराष्ट्रीय सर्किट के लिए जरूरी हैं। इस ट्रैक को जर्मनी के हर्मन टिल्के द्वारा 5000 कामगारों, 300 इंजीनियरों एवं देश विदेश के नामी एफ-1 सर्किट विशेषज्ञों की मदद से ढाई वर्ष में बसपा के शासनकाल में तैयार किया गया।
यमुना एक्सप्रेस मार्ग पर 250 एकड़ जमीन पर बनाए गए बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट की कुल दर्शक क्षमता एक लाख बीस हज़ार लोगों की है, जिसमें नार्थ से ईस्ट तक का 1.4 किमी का ट्रैक सबसे तेज है। इस पर कार 317 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी दौड़ सकती है।इस ट्रैक पर करीब 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली फार्मूला वन कार एक मिनट 27 सेकंड में एक लैप पूरा करती है।सर्किट के मुख्य ग्रैंड स्टैंड की क्षमता 20 हजार दर्शकों की है जबकि यह पूरा सर्किट 5.14 किमी का है। ट्रैक के साथ-साथ कृत्रिम झील भी बनी हुई है और दर्शकों के लिए पिकनिक स्टैंड भी है, जहां वे छतरियों के नीचे बैठकर रेस का मजा ले सकते हैं।
मायावती के कार्यों की सूचि बहुत लम्बी है. लखनऊ, नोएडा में शुरू हुई मेट्रो मायावती की ही देन है.