यूपी और उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी अकेले उतरेगी। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने साफ किया है कि दोनों राज्यों में बसपा किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।उन्होंने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि बसपा जिला पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने बोला कि मैं स्पष्ट कहना चाहती हूं कि अगर यह चुनाव पारदर्शी होते तो हम जरूर लड़ते।
मायावती ने कहा- BSP ने इस समय प्रदेश में हो रहे ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को न लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी के लोगों को निर्देश है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने की बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं। मायावती ने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बन सकेगी। जब यहां BSP की सरकार बन जाएगी तो ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही BSP में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने सर्वजन को बचाना है, BSP के सत्ता में लाना है, का नारा भी दिया।
यूपी में बसपा और एआईएमआईएम के गठबंधन की खबरों का मायावती ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि ओवैसी की पार्टी के साथ मिलकर यूपी में चुनाव लड़ने की बात पूरी तरह गलत, भ्रामक व तथ्यहीन है। इसी के साथ मायावती ने यह भी कहा कि बसपा पंजाब में गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। बसपा का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन है।
मायावती ने कहा कि बसपा के लोगों को हथकंडों से सतर्क रहना चाहिए। 1995 में हम सपा सरकार से अलग हुए थे, भारतीय जनता पार्टी भी सपा की ही तरह है। बसपा के खिलाफ तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही है जिससे सभी को दूर रहना चाहिए।
मीडिया में इस तरह की भ्रामक खबरें न आएं, इसके लिए मायावती ने महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को बसपा मीडिया सेल का राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। मायावती ने ट्वीट कर मीडिया से अपील की कि बसपा और बसपा अध्यक्ष के बारे में कोई भी सूचना जारी करने से पहले सतीश मिश्र से सही जानकारी जरूर हासिल कर ली जाए।