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‘मन की बात’ नहीं सुनने पर 100 रुपये फाइन, स्कूली बच्चों को कारण बताओ नोटिस जारी

‘मन की बात’ नहीं सुनने पर 100 रुपये फाइन, स्कूली बच्चों को कारण बताओ नोटिस जारी

हमारा देश व्यक्तिपूजन के सर्वोच्च प्रमाण बिंदु पर नजर आ रहा है. तभी तो देश में हैरान करनेवाली घटनाएं सामने आ रही है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक स्कूल ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के लिए स्कूल नहीं पहुंचने वाले बच्चों को 100 रुपये फाइन लाने या फिर मेडिकल प्रमाणपत्र जमा कराने का आदेश जारी किया है। स्कूल प्रबंधन द्वारा इस संबध में स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप में आदेश जारी किए गए हैं। वही चंडीगढ़ पीजीआई में भी 36 लड़कियों ने मन की बात नहीं सुनी तो प्रशासन ने लड़कियों को सजा के रूप में हॉस्टल और PGI कैंपस से सात दिन तक बाहर नहीं निकलने का फरमान सुनाया था.

इसी तरह की घटना चंडीगढ़ पीजीआई में हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को टेलीकास्ट हुआ था. बीजेपी नेताओं ने इसके लिए जगह-जगह रेडियों लगाए थे. पूरे देश में लोगों को इकट्ठा कर इस एपिसोड को सुनाया गया था.चंडीगढ़ पीजीआई में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया था मगर 36 लड़कियों ने इसे नहीं सुना. प्रशासन ने लड़कियों को सजा के रूप में हॉस्टल और PGI कैंपस से सात दिन तक बाहर नहीं निकलने का फरमान सुनाया था. सोशल मीडिया पर पीजीआई के इस फरमान का विरोध भी हुआ था. अब टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी पर तंज कसा है.टीएमसी सांसद ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्होंने भी मन की बात कार्यक्रम नहीं सुना. तो क्या इसके लिए उनको भी सजा भुगतनी होगी. उनको भी घर में कैद रहने को कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने Monkey baat कभी नहीं सुनी. एक बार भी नहीं. क्या मुझे भी सजा मिलने वाली है. मैं इस घटना से बहुत टेंशन में हूं.

जीआरडी निरंजनपुर एकेडमी पर आरोप
जीआरडी निरंजनपुर एकेडमी पर पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुनने स्कूल नहीं पहुंचे छात्रों से 100 रुपये फाइन वसूलने का आरोप लगा है। इस संबंध में नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा विभाग ने स्कूल को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में जवाब मांगा है।

आरिफ खान ने बताया कि जीआरडी अकेडमी ने उन बच्चों को 100 रुपये फाइन लाने या फिर मेडिकल प्रमाणपत्र जमा कराने का आदेश जारी किया है जो रविवार को मन की बात कार्यक्रम के लिए स्कूल नहीं पहुंचे थे। स्कूल प्रबंधन द्वारा इस संबध में स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप में आदेश जारी किए गए हैं। अभिभावकों ने उन्हें इस आदेश का स्क्रीनशॉट भी दिखाया है।

स्कूल से मांगा है जवाब

मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि शिकायत का संज्ञान लेते हुए एकेडमी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अगर स्कूल तीन दिन में अपना पक्ष नहीं रखता है तो यह समझा जाएगा कि स्कूल की तरफ से छात्रों से पैसे मांगे गए थे। इसके बाद विभाग कार्रवाई करेगा। शिकायत करने वाली एसोसिएशन से भी सबूत मांगे गए हैं।

विवादों में घिरा था PGIMIR
दरअसल, 30 अप्रैल को 36 नर्सिंग स्टूडेंट्स ने पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया. जब की कई 100वें एपिसोड के कई दिन पहले ही एक लिखित आदेश जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि सभी को ये सुनना अनिवार्य है.हर तरफ इस फरमान की जब चर्चा होने लगी तो एक दिन पहले PGIMIR ने अपने आदेश का बचाव किया. उन्होंने कहा कि कुछ नया नहीं था और न ही खास था. ऐसा हमारे सिलेबस का हिस्सा है. हम लोग स्पेशल लेक्चर के लिए अतिथियों, विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं. पीएम मोदी का 100वां एपिसोड भी उसी क्रम का हिस्सा है.

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