कोरोना काल में सबसे ज्यादा संकट लोगों की सांसों पर गहराया है। ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लोग मारे-मारे फिर रहे हैं। भगवान बुद्ध की नगरी में आस्था रखने वाले विदेशी अनुयायी संकट की घड़ी में आगे आए हैं। जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा, वियतनाम, USA के लोगों की मदद से जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। मुफ्त में सिलिंडर बांटे जाने का काम विदेशियों ने सिद्धार्थ कंपैशन ट्रस्ट की मदद से शुरू किया है।
सिद्धार्थ कंपैशन ट्रस्ट से जर्मनी, आस्ट्रेलिया, कनाडा, वियतनाम, USA सरीखे 10 देशों के लोग जुड़े हैं। ये वे लोग हैं, जो बौद्ध धर्म के पूरी तरह से अनुयायी हैं। उनका अक्सर बोधगया में आना होता है। खासकर तब, जब सर्दियों के दिनों दलाई लामा बोधगया में लंबे दिनों के लिए प्रवास पर होते हैं। सिद्धार्थ कंपैशन ट्रस्ट के विनय कल्याण ने बताया कि सिलिंडर दिल्ली-कोलकता से मंगवाये जा रहे हैं। इसका खर्च विदेशी बौद्ध धर्मावलंबी सीधे तौर पर उठा रहे हैं। वही ऑक्सीजन देने वाली कंपनी को डायरेक्ट पेंमेंट कर रहे हैं। ट्रस्ट सिर्फ संबंधित कंपनी से भरा हुआ ऑक्सीजन मंगवा रहा है और उसे बेहद जरूरतमंदों के बीच बांट रहा है।
कोरोना पीड़ितों को मुफ्त में ऑक्सीजन सिलेंडर देने की मुहिम शनिवार सुबह से शुरू की गई है। फिलहाल, 40 सिलेंडर से इसकी शुरुआत हुई है। भरे हुए 40 सिलेंडर में से 20 ऑक्सीजन सिलेंडरों की खपत हो चुकी है। 10 ऑक्सीजन सिलेंडर गांव के लोगों ने लिए हैं।
ट्रस्ट के विनय कल्याण ने बताया कि 20 सिलेंडर फिलहाल उनके पास शेष हैं। इस ट्रस्ट से जुड़े बौद्ध धर्मवालंबियों ने और भी सिलेंडरों के ऑर्डर दे दिए हैं। अगले तीन दिनों में और भी सिलिंडर ट्रस्ट के पास आ जाएंगे। ऑक्सीजन मुहैया कराने का काम देख रही सिस्टर ब्ल्यू लोट्स ने बताया कि ऑक्सजीन सिलेंडर हम निरंतर बांटेंगे और बेहद जरूरतमंदों को देंगे। खासकर यह सुविधा गांव के लोगों को अधिक दी जाएगी। साथ ही बुद्धिस्ट अनुयायियों द्वारा एम्बुलेंस भी दी जानेवाली है