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बछड़ों की गिनती हो सकती है तो OBC की क्यों नहीं? ट्विटर पर ट्रेंड हुआ , #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार

बछड़ों की गिनती हो सकती है तो OBC की क्यों नहीं? ट्विटर पर ट्रेंड हुआ , #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार

प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव जीतने के लिए  कैबिनेट में ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व तो दिया लेकिन जनगणना से इंकार कर दिया.  बीजेपी के इस चरित्र को लेकर ट्विटर पर मोदी सरकार के खिलाफ ट्रेंड हो रहा है। #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार पर लोग अपनी प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार रखते हुए नजर आ रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने ट्वीट करते हुए लिखा, बछड़ों तक की गिनती होती है। पिछड़ों की नहीं होती क्योंकि ये होते ही ओबीसी को अपनी संख्या पता चल जाएगी और हिस्सेदारी के लिए आंदोलन शुरू हो जाएगा। #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार

हंसराज मीणा लिखते है, जब तक जातिगत जनगणना नहीं होगी, एससी, एसटी, ओबीसी के हक, अधिकार पर अंदरखाने डकैती चलती रहेगी। उस मौजूदा स्थिति में जब केंद्र में @narendramodi जैसा संघी बैठा हो। बहुजन समाज को जागना होगा, अपनी आबादी के अनुसार हक लेना होगा। वरना आपका अस्तित्व खत्म है। #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार

सुप्रीम कोर्ट के वकील नितिन मेश्राम ने ट्वीट करते हुए लिखा, ओबीसी आरक्षण गंभीर खतरे में है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि ओबीसी के लिए आरक्षण को सही ठहराने या बढ़ाने के लिए उसे सामाजिकशैक्षिक और आर्थिक संकेतकों की आवश्यकता होगी। हालांकि जाति जनगणना से इनकार कर दिया और सरकार ओबीसी जनगणना से बच रही है। नो डेटा नो रिजर्वेशन।

दिल्ली में मंत्री राजेन्द्रपाल गौतम लिखते है, केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में 27-OBC, 12-SC, 8-ST मंत्री बनाए जाने का हम स्वागत करते हैं। किंतु उसी अनुपात में सरकारी नौकरियों एवं सरकारी संविदा में आरक्षण क्यों नहीं ? जनगणना में जाति का कॉलम क्यों नही ? #OBC_जनगणना_विरोधी_मोदी_सरकार

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने देश में जाति आधारित जनगणना के लिए पैरवी की, जिससे जरूरतमंदों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने संवाददाताओं से कहा कि समुदायवार जनसंख्या का पता लगाने के लिए जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता है, इससे जरूरतमंदों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

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