महाराष्ट्र के परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति ने बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के पास रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह घटना मंगलवार की है. जिसके बाद इलाके में मामला बिगड़ गया। संविधान की प्रतिकृति क्षतिग्रस्त होने से आक्रोशित लोग उग्र हो गए। जिसके चलते आगजनी और पथराव हुआ।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त किए जाने की खबर फैलने के बाद करीब 200 लोगों की भीड़ प्रतिमा के पास एकत्र हो गई और उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। अधिकारी ने बताया कि इस बीच शाम करीब छह बजे अचानक प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशन की ओर जाने लगे।
अधिकारी के अनुसार, कुछ प्रदर्शनकारियों ने नंदीग्राम एक्सप्रेस ट्रेन के लोको-पायलट को नीचे खींच लिया और प्रदर्शनकारियों ने 30 मिनट से अधिक समय तक रेलवे पटरियों को अवरुद्ध रखा, हालांकि बाद में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटा दिया एवं अंततः ट्रेन शाम 6:52 बजे परभणी स्टेशन से रवाना हुई।
इसके आगे अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सभी राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों की सुरक्षा करने की भी मांग की। उन्होंने बताया कि फिलहाल इलाके में स्थिति शांत है। परभणी के सभी लोगों ने बंद का आह्वान किया है।
बता दें कि इससे पहले थाना क्षेत्र के नरियांव की दलित बस्ती अबदरवा में मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक ने डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। सूचना पर पहुंची पुलिस के क्षतिग्रस्त प्रतिमा को दुरुस्त कराए जाने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शान्त हुआ। इस दौरान ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन भी किया था।
वंचित बहुजन आघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने भी इस घटना पर तीव्र नाराजगी जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन करने की बात कही है.