बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सत्ता तथा विपक्षी दलों के नेताओं ने जातिगत जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ये मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। इस मुलाकात के बाद नितीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी। हमने उन्हें बताया कि कैसे जाति जनगणना पर राज्य विधानसभा में दो बार प्रस्ताव पारित किया गया है। सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है। उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें।
नीतीश कुमार ने कहा कि पीएम मोदी से सभी पार्टियों ने मिलकर अपनी बात कही। हमने अमित शाह से 6 महीने पहले मुलाकात की थी। उस वक्त मेरी अकेले मुलाकात हुई थी, शिष्टमंडल नहीं मिला था। इस बीच उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी मांगों को मान लिया जाएगा।
शिष्टमंडल में शामिल राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक काम होगा। इससे देश के अंतिम पायदान पर खड़े हुए लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन से पहले पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं। मंडल कमीशन हुआ उसके बाद पता चला कि देश में हजारों जातियां हैं।
तेजस्वी ने कहा कि जब जानवरों की गिनती होती है, पेड़-पौधों की गिनती होती है तो इंसानों की भी होनी चाहिए। बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री तथा हम के नेता जीतनराम मांझी ने भी जाती जनगणना को जल्द से जल्द कराने का अनुरोध किया। महाराष्ट्र की विधानसभा में भी नाना पटोले जब सभापति थे उस वक जाती जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। बता दे कि कई दशकों से जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है. इस बार बिहार में इसकी आवाज फिर से तेज हुई है. कई दलों ने जातिगत गणना करने की मांग की है.