बेतहाशा महंगाई और पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों के चलते कांग्रेस आज देशभर में प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी दिल्ली के विजय चौक में इस प्रदर्शन में शामिल हुए और धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि इतिहास में कभी तेल की कीमतें इतनी नहीं बढ़ाई गईं। बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग करते हुए राहुल ने कहा कि सरकार आम आदमी का नहीं सिर्फ चंद उद्योगपतियों का ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान भी उन्होंने आम लोगों को चेताया था कि पेट्रोल डीजल के दाम चुनाव के बाद बढ़ेंगे
राहुल गांधी और कई अन्य सांसदों ने पार्टी के ‘महंगाई मुक्त भारत’ अभियान के तहत पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ गुरुवार को संसद के निकट धरना दिया। दोनों सदनों की कार्यवाही आरंभ होने से करीब डेढ़ घंटे पहले विजय चौक पर कांग्रेस के महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत धरना दिया। इसमें राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और कई अन्य सांसद शामिल हुए। कांग्रेस सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस दौरान राहुल गांधी ने मोटरसाइकिल और सिलेंडर पर फूल माला भी चढ़ाई।
विरोध स्थल पर एक पलटी हुई मोटरसाइकिल और रसोई गैस के सिलेंडर रखकर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार के नीतियों की आलोचना की. वहीं, धरने के बाद राहुल गांधी ने कहा, “महंगाई, खासकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरे देश में विरोध जता रही है। पिछले 10 दिनों में नौ बार बढ़ोतरी की गई है। सरकार इस वृद्धि से हजारों करोड़ रुपये कमा रही है। इसकी सबसे ज्यादा चोट गरीबों और मध्य वर्ग पर पड़ती है। हमारी मांग है कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम नियंत्रित करे और कीमतें बढ़ाना बंद करे।”
राहुल गांधी ने अन्य देशों में पेट्रोल की क्या कीमतें है इसकी भी जानकारी ट्विटर पर साझा की.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं तब हर चीज के दाम बढ़ते हैं। जब दुनिया में कच्चे तेल के दाम सबसे कम थे तब भी यह सरकार पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ा रही थी। 101 रुपये का तेल भराने में 52 रुपये सरकार के पास एक्साइज टैक्स के रूप में जा रहे हैं।
कल राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री की Daily To-Do List साझा की थी
- पेट्रोल-डीजल-गैस का रेट कितना बढ़ाऊं
- लोगों की ‘खर्चे पे चर्चा’ कैसे रुकवाऊं
- युवा को रोज़गार के खोखले सपने कैसे दिखाऊं
- आज किस सरकारी कंपनी को बेचूं
- किसानों को और लाचार कैसे करूं