दुनिया के सबसे शक्तिशाली सर्च इंजन कंपनी गूगल पर जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा है। अमेरिका स्थित गूगल के दफ्तर में जाति की समस्या पर होने वाले एक सेमिनार को गूगल ने रद्द कर दिया जिसके बाद गूगल के सवर्ण तथा मनुवादी मानसिकता से ग्रसित अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए है.
दरअसल गूगल की ओर से एंटी कास्ट एक्टिविस्ट और इक्वैलिटी लैब की संस्थापक थिनमोझी सुंदरराजन को ‘जाति की समस्या’ पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था। सुंदराजन को काम की जगह पर जातिवाद से बचने और जातिवाद से होने वाली समस्याओं पर गूगल के कर्मचारियों को एक प्रेजेंटेशन देनी थी लेकिन गूगल के 7 सवर्ण कर्मचारियों ने सुंदराजन के खिलाफ गूगल के अधिकारियों को ईमेल भेजे कि उन्हें ना बुलाया जाए। सवर्ण कर्मचारियों ने सुंदरराजन को एंटी-हिंदू कहते हुए जाति की समस्या पर बात ना करने मांग की. गूगल ने इन दूषित सवर्णों के पक्ष में घुटने टेकते हुए इस चर्चा को ही रद्द कर दिया।
गूगल के सबसे बड़े अधिकारी सुंदर पिचाई भारतीय मूल के तमिल ब्राह्मण हैं और अब उनपर भी जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लग रहा है। लोग कह रहे हैं कि जाति की समस्या से बखूबी वाकिफ सुंदर पिचाई ने ऐसा करके जाति भेद को बनाए रखने का ही काम किया है जो काम की जगह पर होने वाले जातिवाद पर बात ही नहीं करना चाहते। सुंदरराजन ने इस बारे में सुंदर पिचाई को बाकायदा ईमेल किया लेकिन उन्होंने ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
तनूजा गुप्ता ने दिया इस्तीफा
गूगल में इस तरह से जाति की समस्या पर आयोजित चर्चा के रद्द होने के खिलाफ गूगल की कर्मचारी तनुजा गुप्ता ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। पूरे अमेरिका में गूगल की इस जातिवादी हरकत की कड़ी निंदा हो रही है। अमेरिका के सबसे बड़े अखबारों में गूगल के इस भेदभावपूर्ण कदम पर खबरें प्रकाशित हो रही हैं। गुप्ता ने कहा कि 1 जून, 2022 के इस्तीफे के ईमेल में 15,000 से अधिक गोगलर्स को साझा किया। उन्होंने कहा कि गूगल में जातिगत भेदभाव एक वास्तविकता है। यह अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं, यह एक पैटर्न है।
गूगल ने दिया स्पष्टीकरण
इक्वलिटी लैब्स के आरोप के जवाब में गूगल के प्रवक्ता शैनन न्यूबेरी ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा, हमारे कार्यस्थल पर जातिगत भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है। अपने कार्यालय में भेदभाव और प्रतिशोध के खिलाफ हमारे यहां स्पष्ट नीति है। यह बात सभी लोग जानते हैं। उल्लेखनीय है कि भारतीय-अमेरिकी कर्मचारी ने इस मामले में पद से त्यागपत्र दे दिया है। कथित भेदभाव को लेकर सबसे पहले वाशिंगटन पोस्ट में खबर प्रकाशित हुई थी।
जातिगत समानता सहानुभूति में निहित है: सुंदरराजन
द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इक्वेलिटी लैब्स के कार्यकारी निदेशक, थेनमोझी सुंदरराजन को गूगल ( Google) के भीतर भेदभावपूर्ण दावों का सामना करना पड़ा। सुंदरराजन ने कहा, .’जाति समानता की ओर आंदोलन प्यार, सहानुभूति और न्याय में निहित है। ‘सुंदरराजन ने आगे कहा, ‘मुझे यह व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं कि गूगल ने अपने कर्मचारियों और मेरे प्रति कितने दर्दनाक और भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी ने गैरकानूनी रूप से जाति समानता के बारे में विचार करना रद कर दिया।