उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष है। ऐसे में सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई है। हर बार की तरह इस बार भी उत्तर प्रदेश के चुनाव में की क्षेत्रीय पार्टियों के अलावा दूसरे राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) भी हमेशा की तरह चुनावी मैदान में उतरेंगी। आरपीआई 26 सितंबर से बहुजन कल्याण यात्रा की शुरुआत सहारनपुर से करेंगी। यह यात्रा सभी मंडल एवं जिलों में होते हुए 18 दिसंबर को लखनऊ पहुंचेगी। लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर पार्क में जनसभा होगी। रामदास आठवले ने गोरखपुर में यह बातें कही.
उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन के बाद बसपा के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे। आठवले ने उम्मीद जताई कि भाजपा उन्हें 10 से 12 सीटें दे सकती है। आठवले ने कहा कि उनकी योजना है कि अनुसूचित जाति एवं मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी अपने प्रत्याशी लड़ाए।
बीजेपी से गठबंधन के बारे में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष रामदास आठवले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। अमित शाह से मिलने के बाद रामदास आठवले ने कहा, “मैंने अमित शाह से बात की कि अगर RPI को साथ रखेंगे तो बहुजन समाज पार्टी (BSP) का भारी नुकसान हो सकता है और उसमें बीजेपी (BJP) का अच्छा फायदा हो सकता है।”
अमित शाह से मुलाकात के बाद गोरखपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा, “रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया पहले से एनडीए में है। उत्तर प्रदेश के चुनाव में RPI को साथ रखना चाहिए और कुछ सीटें RPI को देनी चाहिए। इसके बारे में मैंने जेपी नड्डा से बात की है।”
सूत्रों के मुताबिक आठवले की पार्टी ने बीजेपी (BJP) से उत्तर प्रदेश में 10 सीटें मांगी थी। इसके लिए रामदास आठवले ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है। इसी मांग को उन्होंने एक बार फिर से दोहराई है।
रामदास आठवले का कही कोई जनाधार नहीं है. मुंबई में उनका एक भी पार्षद तक नहीं है. ऐसे में यूपी में सिवाय वोट कटवा के अलावा उनकी कोई भूमिका नहीं हो सकती. बीजेपी ऐसे स्थिति में उन्हें एक भी सीट नहीं देंगी. लेकिन बसपा के वोट काटने के लिए उन्हें जरुर प्रोत्साहित करेंगी.