कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिल गया है.अब वो सरकार बनाने का दांवा करेंगी. कांग्रेस नेता और पूर्व CM सिद्धारमैया ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को बड़ा फैक्टर बताया, तो भावुक शिवकुमार ने राहुल गांधी का नाम कई बार लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस जीत पर खुशी जताते हुए कर्नाटक के लोगों को बधाई दी है. मल्लिकार्जुन खरगे जी के नेतृत्व में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में सबसे बड़ी जीत मिली है. 2024 में वो प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दांवेदार हो सकते है.
भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में 21 दिन चली, 7 जिलों से गुजरी। इन जिलों में 48 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 32 सीटें कांग्रेस ने जीत ली है। यानी 66% का स्ट्राइक रेट। ये 2018 से दो गुने से भी अधिक है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस 15 सीटें जीत पाई थी। बीजेपी ने 17, जेडीएस ने 14 और बाकी बची 2 सीट अन्य के पास थी। पीएम मोदी ने लगातार 2 महिने तक कर्नाटक में 50 से अधिक सभाएं, रोड शो किये। उनके कई मंत्री, बीजेपी के सभी मुख्यमंत्री प्रचार में शामिल हुए लेकिन बीजेपी को सबसे बड़ी हार मिली है.
मल्लिकार्जुन खड़गे का बढ़ेगा कद
इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े चेहरों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा था। कांग्रेस के सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, भाजपा के बसवराज बोम्मई प्रमुख चेहरे थे। ये तीनों चुनाव जीत गए। बोम्मई और उनके 11 मंत्री जीते लेकिन 11 मंत्री हार गए। कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए भी यह बेहद अहम चुनाव था। एकतरफा जीत से पार्टी में उनका कद बढ़ेगा। वो प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दांवेदार हो सकते है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी के नेतृत्व में कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक में सबसे बड़ी जीत मिली है. देश के लिए एक नया सन्देश भी इस जीत ने दिया है. नफरत और धर्मांधता के खिलाफ लोगों ने वोटिंग की. महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्ट्राचार के खिलाफ इस जीत में कई संकेत है. आनेवाले दिनों में यही ट्रेंड अगर जारी रहा तो निश्चित तौर पर देश को समानता, भाईचारा, सद्भाव और सर्वसमावेशक की राह मिल जायेंगी।
पहली बार 73.19% मतदान
राज्य में 38 साल से सत्ता रिपीट नहीं हुई है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार (1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
10 मई को 224 सीटों के लिए 2,615 उम्मीदवारों के लिए 5.13 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक में 73.19% मतदान हुआ है। यह 1957 के बाद राज्य के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है।