कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष तथा सांसद राहुल गांधी ने केरल के मलप्पुरम में विनायक दामोदर सावरकर का नाम लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। हिमा डायलिसिस सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर आप सावरकर जैसे लोगों को पढ़ेंगे तो वे कहेंगे कि भारत एक भूगोल है। वे कलम लेते हैं, नक्शा खींचते हैं और कहते हैं कि यह भारत है। इस रेखा के बाहर यह भारत नहीं है और इस रेखा के अंदर यह भारत है। फिर एक सवाल उठता है कि क्या भारत सिर्फ एक नक्शा है? बिल्कुल नहीं क्योंकि अगर इस क्षेत्र में लोग नहीं होते तो आप यह नहीं कहते कि यह भारत है।
उन्होंने कहा, हमारे लिए भारत यहां रहने वाले लोग हैं। भारत लोगों के बीच का संबंध है। हिन्दू-मुस्लिम-सिख के बीच संबंध, तमिल-हिन्दी-उर्दू-बंगाली के बीच संबंध। मुझे प्रधानमंत्री से समस्या है कि वे इन संबंधों को तोड़ रहे हैं, वे भारत के विचार पर हमला कर रहे हैं। इसलिए मैं उनका विरोध करता हूं। अगर वे इसी तरह भारतीयों के बीच संबंध तोड़ेंगे तो यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं भारत के लोगों के बीच सेतु बनाने का काम करूं।
राहुल गांधी ने कहा कि वह जब जब नफरत का इस्तेमाल कर दो भारतीयों के रिश्तों को तोड़ने का प्रयास करेंगे तो मैं इसे प्यार के जरिए दोबारा जोड़ने की कोशिश करुंगा, यह सिर्फ मेरा कर्तव्य नहीं बल्कि हम सब का कर्तव्य है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं इस देश में अलग-अलग परंपराओं, विचारों, धर्मों, संस्कृतियों को समझे बिना ऐसे पुल का निर्माण नहीं कर सकता हूं।
राहुल गांधी ने कहा कि हर बार जब वे दो भारतीयों के बीच एक पुल को तोड़ने के लिए नफरत का इस्तेमाल करते है, तो मेरा काम उस सेतु को फिर से बनाने के लिए प्यार का इस्तेमाल करना है। मैं इस देश में विभिन्न परंपराओं, विचारों, विभिन्न धर्मों, विभिन्न संस्कृतियों को समझे बिना पुल नहीं बना सकता।
राहुल गांधी ने कहा कि क्या होता है यदि कोई भारतीय व्यक्ति हवाई जहाज में चढ़कर अमेरिका चला जाता है, तो क्या वह भारतीय नहीं रहता? उस स्थिति में भी वह एक भारतीय ही रहता है। तो मेरे लिए, यहां रहने वाले लोग भारत हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों से भारत बनता है और इसकी संस्कृति मजबूत होती है।
राहुल एक दिन के लिए केरल आए हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह दावा करना प्रधानमंत्री का ‘‘अहंकार’’ है कि कोई और नहीं, बल्कि सिर्फ वही (प्रधानमंत्री मोदी ही) भारत को जानते व समझते हैं, खासकर जब वह (मोदी) विभिन्न राज्यों एवं क्षेत्रों की संस्कृति, भाषा, जीवनशैली तथा लोगों की समस्याओं को जाने-बूझे बगैर ही दावे करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं अहंकार के साथ इन स्थानों पर जाता हूं तो मैं अज्ञानी हूं। कैसे मैं, हजारों वर्षों के इतिहास वाले केरल एवं तमिलनाडु के लोगों के पास जाकर दावा कर सकता हूं कि मैं उन्हें जानता हूं। मुझे उनके पास नम्रता से जाना होगा। अन्यथा मैं कैसे परिभाषित कर सकता हूं कि भारत क्या है?’’