बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने बुधवार, 21 जून को मंडल और जिला कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई. इस बैठक में मायावती ने यूपी और देश के बदलते हालातों पर चर्चा करने के साथ-साथ पार्टी नेताओं को जरूरी निर्देश दिए. वहीं, सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि 23 जून को बिहार में सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की बड़ी बैठक से पहले मायावती इस बैठक को बुलाकर अपने कार्यकर्ताओं का मन टटोलने की कोशिश की है.
बता दें कि बैठक के बाद जो बयान जारी हुआ है उसमें मायावती ने कहा कि बदलती परिस्थितियों के बीच विपक्षी दलों की तैयारियों पर भी नजर है. इसे एक बड़ा इशारा भी समझा जा रहा है. हालांकि मायावती ने लगे हाथों बीजेपी संग सपा पर निशाना भी साधा है. मगर ऐसा पहली बार है जब मायावती ने किसी विपक्षी कवायद पर नजर रखने की बात कही है, जिसका हिस्सा फिलहाल वो खुद नहीं हैं. आज की मीटिंग मायावती का निशाना सत्ताधारी बीजेपी पर ज्यादा था. कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने कुछ नहीं कहा. संकेत यही है की वो महागठबंधन में जाने का मन बना रही है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा बीजेपी सरकार महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा जैसे मुद्दों इ से लोगों का ध्यान बांटने के लिए जातिवादी, साम्प्रदायिक व धार्मिक विवादों को जानबूझकर पूरी छूट व शह दे रही है, जिस कारण प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की प्रगति भी प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से प्रभावित हो रही है.
मायावती ने कहा कि यूपी सहित विभिन्न बीजेपी सरकारों को कथित लव जिहाद, लैण्ड जिहाद, धर्मान्तरण, मजार व स्कूल , कालेज विध्वंस, मदरसा जाँच, बुलडोजर राजनीति तथा धार्मिक उन्माद फैलाने वाले नफरती , संकीर्ण बयानों व कार्रवाईयों आदि से बचना होगा ताकि देश भर में व्याप्त तनाव व दहशत का माहौल समाप्त हो और देश मजबूती से आत्मनिर्भरता की तरफ आगे बढ़ सके.