राजस्थान के पाली जिले से जातीय आतंकवाद की एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. जहां बाली के सरकारी हॉस्पिटल में कार्यरत कोविड हेल्थ सहायक की सरेआम चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. बारवा गांव के रहने वाले जितेन्द्रपाल मेघवाल की मंगलवार दोपहर बाइक सवार दो बदमाशों ने चाकू मार कर हत्या की. मंगलवार को हुई हत्या मामले में पाली पुलिस को गुरूवार को बड़ी कामयाबी मिली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जितेंद्रपाल के दोनों हत्यारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बाली के एएसपी बृजेश सोनी के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. वहीं अब दोनों आरोपियों को पाली जिला हेडक्वार्टर पहुंचाया गया है. बता दें कि बदमाशों ने जितेंद्र पर चाकू से सात हमले किए थे. वहीं वारदात के बाद मृतक के परिजन व ग्रामीण बाली हॉस्पिटल के बाहर आरोपियों को पकड़ने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. मृतक के परिजनों ने मृतक का शव लेने से इनकार करते हुए बाली-सादड़ी मार्ग पर सरकारी हॉस्पिटल के सामने टेंट लगाकर बैठे थे.
परिजनों का कहना था कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार हो और उन्हें फांसी की सजा दी जाए. इस मामले में एसपी राजन दुष्यंत ने पुलिस की 8 टीमों का गठन किया था जो आरोपियों की तलाश में जुटी थी. इसके अलावा पुलिस ने दो टीमों को गुजरात भी भेजा था.
जितेन्द्रपाल के आंख उठाकर नजर मिलाने से जातीय दंभ की शुरुवात
घटना की शुरूआत 23 जून 2020 को हुई जब जितेन्द्र मेघवाल बारवा गांव में अपने घर के बाहर बैठा था और वहीं से गुजर रहे गांव के सूरज सिंह राजपुरोहित से किसी बात पर कहासुनी हो गई और सूरज ने जितेन्द्र को नजर कैसे मिलाई बोलकर कुछ कमेंट कर दिया. दोनों के बीच मामला मारपीट तक पहुंचा और जितेन्द्र ने सूरज व उसके दो साथियों के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज करवा दिया. केस होने के बाद आरोपी जितेन्द्र से नाराज चल रहे थे.
बताया जा रहा है कि आरोपियों ने काफी बार जितेन्द्र को राजीनामे के लिए कहा लेकिन वह नहीं माना. वहीं जितेन्द्र इन दिनों नौकरी लग गया था ऐसे में उसके रहन-सहन और मूंछ रखने के चलते सूरज सिंह उससे जलने लगा था. जातीय अहंकार और अभिमान के कारण दलित समाज के एक युवा को मौत के घाट उतार दिया गया.
जितेन्द्रपाल के रहन-सहन, पहनावे से जलता था सूरज, आरोपी बाइक पर आए और चाकू से गोद दिया
15 मार्च को सूरत रहने वाले सूरजसिंह राजपुरोहित अपने परिचित रमेश सिंह के साथ बाली गांव पहुंचे जिनके पास दो चाकू थे. उन्होंने पहले जितेंद्र की रैकी कर रखी थी. मंगलवार दोपहर को ड्यूटी पूरी कर जितेन्द्र अपने दोस्त के साथ बाली से निकला और बाली से वे दो किलोमीटर दूर जाने के बाद पीछे से बाइक पर आए सूरजसिंह राजपुरोहित व रमेशसिंह ने बाइक के पीछे बैठे जितेन्द्र मेघवाल पर चाकू से हमला कर दिया जिसमें वह बुरी तरह से घायल हो गया. हमला इतना ताबड़तोड़ था कि सुमेरपुर ले जाते समय उसकी मौत हो गई.
मृतक के परिजनों का कहना है कि बाली हॉस्पिटल में इलाज के दौरान जितेन्द्र मेघवाल ने सूरज सिंह व रमेश सिंह का नाम बताया था. गौरतलब है कि इस हत्या का मुद्दा विधानसभा में भी उठा जहां बाली विधायक पुष्पेन्द्रसिंह राणावत व मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरिसंह जोजावर ने आरोपियों को गिरफ्तार करने और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की.