बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत के बहाने भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने किसान महापंचायत के दौरान हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक सद्भाव के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से समाजवादी पार्टी सरकार में 2013 के दंगों के गहरे घावों को भरने में मदद करेगा।
उन्होंने ट्वीट किया, ”उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कल हुई किसानों की महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय। इससे निश्चय ही सन 2013 में सपा सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगी।”
बसपा अध्यक्ष ने अगले ट्वीट में कहा, ‘किसान देश की शान हैं तथा हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से भाजपा की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है तथा मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व सपा के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।”
मुजफ्फरनगर जिले में, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच संघर्ष अगस्त-सितंबर 2013 में हुआ था। इसके परिणामस्वरूप हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के कम से कम 62 लोगो की मौतें हुईं थी।
मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में हुई ऐतिहासिक किसान महापंचायत के मंच से राकेश टिकैत ने समाज को एकजुट रहने के लिए जो नारा दिया था, उसको मायावती ने अपना हथियार बनाने का प्रयास किया है.
महापंचायत के मंच से टिकैत ने विशेषकर भाजपा को घेरते हुए कहा था कि दंगा करवाने वालों को यूपी की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा था कि ये लोग तोड़ना चाहते हैं, लेकिन हमें जोड़ना है. टिकैत ने मंच से ही अल्लाहु अकबर और हर-हर महादेव के नारे एक साथ लगवाकर एकजुट रहने की अपील की थी और और वोट की चोट करने का आह्वान किया था.
गौरतलब हैं कि केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले नौ माह से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया था । जिसमें 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया गया है।