इंग्लैंड स्थित लंदन के प्रतिष्ठित ग्रेज इन में हाल ही में डॉ. अम्बेडकर कक्ष का लोकार्पण डॉ.बाबासाहेब अम्बेडकर के प्रपोत्र सुजात अम्बेडकर की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर अली मालेक क्यूसी द्वारा बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर के पोट्रेट का अनावरण किया गया. ग्रेज इन में डॉ. अम्बेडकर कक्ष के बगल का कमरा लिवरपुल के महान वकील रोज हेइलब्रोन को समर्पित है, जिसका लोकार्पण लोवरपुल के लॉर्ड एल्टन ने किया इस अवसर पर लॉर्ड एल्टन ने कहा की सुजात एक महान व्यक्ति के कंधो पर खड़े है, जिस के नक्शेकदम पर चलते हुए उन्हें २१ वी सदी में भारत को पूर्णतः जातियों से बाहर निकलने में मदत करनी चाहिए।
ग्रेस इन में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का पोर्ट्रेट तथा उनके नाम का कक्ष स्थापित करने का श्रेय संतोष दास को जाता है। यहा उल्लेखनिय है की जब भी दबे कुचले, दलित ,आदिवासियों के साथ होने वाला भेदभाव आधुनिक दासता, मानव तस्करी, उत्पीड़ीत अल्पसंख्यकों की दुर्दशा जैसे मुद्दो पर बहस होती है तो संसद के दोनों सदनो में बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर का मार्गदर्शन संदर्भ के रूप में आता है।
दरअसल बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर का जीवन संघर्ष एक थोपी गई दुर्दशा से मुक्ति, न्याय और समानता की और ले जानेवाला मार्ग का प्रतिनिधित्व करती है बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर का जीवन जाती के कलंक के साथ समाज का हिस्सा बने लाखों पददलित लोगों को जीवन में बदलाव के लिए प्रोत्साहित करता है. बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर की स्मृति में एक कक्ष और पोट्रेट समर्पित करने वाला ग्रेज इन का निर्णय आनेवाली पीढ़ियों को बाबासाहेब डॉ. अम्बेडकर से परिचित कराने का एक शानदार तरीका है