महाराष्ट्र सरकार द्वारा जो महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया जाता है वो अबतक किसी भी बहुजन समाज के व्यक्ति को नहीं दिया गया. ऑलमोस्ट सभी पुरस्कार ब्राह्मण समाज को दिए गए है. विगत कई सालों में जो पुरस्कार समारोह आयोजित हुए वो अक्सर किसी हॉल में हुए.लेकिन इस बार का पुरस्कार वितरण समारोह एक बड़े मैदान में आयोजित हुआ. ब्राह्मण विचारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सन्मानित किया गया.धर्माधिकारी के वृक्षारोपण अभियान, रक्तदान और चिकित्सा शिविरों के साथ-साथ आध्यात्मिक कार्यों के कारण राज्य में बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं.
महाराष्ट्र सरकार के लिए अपना शक्तिप्रदर्शन करते हुए ब्राह्मण विचारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने अपने लाखों अनुयायियों को नवी मुंबई के मैदान में बुलाया. लोगों के लिए बसेस की व्यवस्थाएं की गई. लेकिन चिलचिलाती धुप में उनके लिए पंडाल नहीं डाला गया. समारोह के दौरान हीटस्ट्रोक (तेज धूप) की चपेट में आने से 13 लोगों की मौत हो गई। मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस समारोह के लिए 13 करोड़ सरकार ने खर्चा किये. लेकिन सवाल यह है की 25 लाख के पुरस्कार के लिए इतने पैसे खर्च करने की जरुरत क्या थी? लोगों के लिए पंडाल की व्यवस्था क्यों नहीं की गई. जानकारी के अनुसार, लाखों लोग कई घंटे तक तेज धूप के नीचे खड़े थे। कई लोगों ने डिहाइड्रेशन और बेहोशी की शिकायत की। लाखों लोग करीब 6 घंटे तक धूप के नीचे खड़े रहे। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था और कहा था कि मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद ब्राह्मण विचारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने अस्पताल में भेट नहीं दी. ऐसे निर्दयी और असंवेदनशील व्यक्ति महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार के लिए कैसे पात्र हो सकता है?
इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी मनुवादी मीडिया ने इसे ज्यादा तवज्जु नहीं दी. महाराष्ट्र के विरोधी पक्ष नेता अजित पवार ने कहा कि अप्रैल और मई में तापमान काफी अधिक रहता है। इन दिनों पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास तक पहुंच जाता है। एनसीपी नेता ने कहा, ‘‘इसलिए इस बात की जांच किए जाने की जरूरत है कि कार्यक्रम का आयोजन दिन में करने का फैसला किसका था।’’पवार ने कहा कि कार्यक्रम शाम के समय भी किया जा सकता था और केंद्रीय मंत्री अमित शाह हेलीकॉप्टर के जरिए भी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकते थे।
पीड़ित मरीजों से मिलने के बाद पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बात की और कहा, ‘हम उन लोगों से मिले हैं जिनका इलाज चल रहा है. मैंने चार से पांच मरीजों से बातचीत की. उनमें से दो की हालत गंभीर थी. कार्यक्रम को लेकर ठीक से योजना नहीं बनाई गई थी. इस घटना की जांच कौन करेगा?”