भीम आर्मी तथा आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने आज लखबीर सिंह के परिवारवालों के साथ मुलाकात की तथा उनका दुःख-दर्द बांटा, इससे पहले बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए CBI जांच की मांग की थी. लखबीर सिंह की बर्बर हत्या पर ज़मींदार मोर्चे से लेकर AAP और कांग्रेस जैसी पार्टियों ने चुप्पी साध ली। लेकिन बसपा तथा चंद्रशेखर आज़ाद बिना किसी फायदे-नुकसान के अपने समाज के साथ खड़े हैं।
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चंद्रशेखर आजाद रावण से बात से बात करते लखबीर के परिवार ने बताया है ‘परिवार के किसी आदमी को लखबीर का चेहरा भी नहीं दिखाया। डीजल डालकर जला दिया गया। हम उसके लिए अरदास कराना चाहते हैं लेकिन ग्रंथियों ने एलान कर दिया है कि कहीं उसके लिए अरदास नहीं होने देंगे। लखबीर ऐसा नहीं कर सकता, सच सामने आना चाहिए’ लखबीर सिंह के परिवार वालों का कहना है ‘लखबीर सिंह कभी गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी नहीं कर सकता, वो खुद गुरुओं को बहुत सम्मान करता था।’
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आपको याद होंगा की सिंघु बॉर्डर पर निहंगों ने एक दलित मजदुर शख्स को बेरहमी से मार डाला था। उसके साथ तालिबानी तरीके की हैवानियत को अंजाम दिया गया। यहां तक कि उसका एक हाथ तक काट डाला गया और उसकी लाश को सरेआम टांग दिया गया। निहंगों ने आरोप लगाया कि लखबीर सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की थी इसीलिए उन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में दो निहंग सिखों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।
इस समूचे मसले पर किसान आंदोलन द्वारा काफी निराश किया गया है. इस घटना की निंदा तो दूर उन्होंने इस धार्मिक मामला बता दिया. वही राकेश टिकैत ने सरेआम जातिगत जनगणना तथा आरक्षण का विरोध कर अपनी सामंतवादी मानसिकता का परिचय दिया.