मध्य प्रदेश पुलिस ने एक नाबालिग दलित लड़की को स्कूल जाने से रोकने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थानीय लोगों के एक समूह ने यह कह कर लड़की को स्कूल जाने से रोका कि अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं तो तुम कैसे स्कूल जाओगी? यह घटना शाजापुर जिले की है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने बताया कि बवालियाखेड़ी गांव में कथित घटना के बाद लड़की के परिवार और गिरफ्तार किए गए लोगों के परिवारों के बीच झगड़ा हुआ. इस घटना में कुछ लोग घायल हो गए. कोतवाली थाना प्रभारी अवधेश कुमार शेषा ने शिकायत के हवाले से बताया कि घटना उस समय हुई जब अनुसूचित जाति समुदाय की 16 साल की लड़की शनिवार दोपहर स्थानीय स्कूल से पढ़कर घर लौट रही थी.
लड़की का रास्ता रोका, बस्ता छीना
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने लड़की का रास्ता रोका, उसका बस्ता छीना और उससे स्कूल नहीं जाने को कहा. लोगों ने कहा कि गांव की अन्य लड़कियां भी स्कूल नहीं जाती हैं. बाद में लड़की के परिवार के लोगों और आरोपियों के परिजनों के बीच इसी बात पर झड़प हुई. उन्होंने कहा कि शिकायत के बाद पुलिस ने आईपीसी और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
भारत में आज भी जातिगत आधार पर भेदभाव होता है. लेकिन इस मामले में जातिगत भेदभाव तो है ही साथ ही पुरुषों की मनुवादी मानसिकता भी साफ़ झलकती है. जो लड़कियों को उनके हक-अधिकारों से वंचित रखना चाहती है.
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