तेलंगाना सरकार ने राज्य के सभी गरीब दलित परिवारों को दलित सशक्तीकरण स्कीम के तहत 10-10 लाख रुपये बतौर आर्थिक सहायता राशि देने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही सरकार ने सशक्तीकरण के तहत अगले 4 साल में 40 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च करने की योजना भी तैयार की है. यह फैसला राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में हुई दलित सशक्तीकरण स्कीम पर हुई बैठक में लिया गया.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि इस साल इस योजना के तहत सभी 119 विधानसभा सीटों से 100-100 परिवारों का चयन किया जाएगा. योजना के तहत इस साल 1200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि राज्य के कुल 11900 परिवारों को 10-10 लाख रुपये बतौर आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी. यह राशि सीधे इन लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी.
1190 करोड़ रुपये लाभार्थियों को दिए जाएंगे. इसके साथ ही इस योजना के रखरखाव पर 20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सीएम केसीआर ने जानकारी दी है इस दलित सशक्तीकरण नीति के तहत इस बजट में 1200 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. अगर जरूरत पड़ी तो सरकार 300 करोड़ अतिरिक्त देने को तैयार है.
सीएम केसीआर ने यह भी कहा कि यह योजना पारदर्शी तरीके से लागू होनी चाहिए. उन्होंने लोगों से इस योजना की सफलता के लिए राजनीति को दूर रखकर एक साथ आने की अपील भी की है. उन्होंने यह भी कहा है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों के दलित परिवारों को अलग-अलग चिह्नित किया जाएगा. इसका निराकरण भी किया जाएगा. अफसरों को इसके संबंध में आदेश दिए गए हैं
इसी बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, यह भारतीय समाज पर एक धब्बा है कि दलितों के साथ सामाजिक और आर्थिक भेदभाव किया जाता है। यह हम सभी को बहुत परेशान कर रहा है। तेलंगाना राज्य सरकार ने दलितों के विकास और कल्याण के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसने कृषि और शिक्षा क्षेत्रों में गुणात्मक परिवर्तन प्राप्त किया है। लेकिन फिर भी गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले दलित परिवारों को विकास की ओर ले जाने के उद्देश्य से 1200 करोड़ रुपये की लागत से मुख्यमंत्री दलित अधिकारिता कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।.